स्याह रंग
स्याह रंग
"सुमन, रंग से बचने के लिए आज होली के दिन कहां चली ?"
"भाभी, डाॅक्टर के लिए क्या होली और दीवाली ? एक एमरजेंसी डिलीवरी केस आ गया है, मुझे जाना होगा।"
सुमन के जाने के बाद पड़ोस की भाभी दूसरी औरतों से मुंह बिचकाकर बोली, "कह तो ऐसे रही है, जैसे पूरे शहर में यही एक डाॅक्टर है, हुं हुं।"
इतने में एक फोन ने उनके सारे रंग को स्याह कर दिया जब सुना कि दूसरे शहर में होली की वज़ह से डाॅक्टर के हाॅस्पिटल न आने के कारण उनकी प्रेगनेंट बेटी के बच्चे को नहीं बचाया जा सका।
