स्वच्छता परमो धर्म
स्वच्छता परमो धर्म


सुमीत और विनीत एक ही कक्षा में पढ़ते थे, दोनों बड़े ही घनिष्ठ दोस्त थे। जहाँ भी जाते साथ जाते, साथ में हे भोजन भी करते, साथ में खेलते भी थे, काम चाहे जो
भी हो मिल कर साथ में करते थे....उनको देख कर सभी लोग कहते कि कोई इन से सीखे एकता का मतलब.....
पर एक दिन विनीत स्कूल नहीं आया, तो सुमीत शाम को उसके घर मिलने और देखने चला गया की विनीत आज आया क्यों नहीं। ..विनीत के घर जाते ही सुमीत को पता चला के विनीत को बहुत बुखार है, उसका शरीर बहुत तप रहा है। .सुमीत तुंरत उसको ठंडे पानी की पट्टी रखता है और बाज़ार से दवाई भी ले आता है..... और विनीत को सलाह देता है की आराम करे कल 'वो फिर आएगा स्कूल से लौटते समय....
अगले कुछ दिनों तक ऐसा हे होता है की विनीत स्कूल नई आता है और सुमीत उस से मिलने जाता है... कुछ दिन के उपरांत भी विनीत की हालत में कोई भी सुधार नहीं दिखता ह
ै तो सुमीत उसको डॉक्टर के पास ले जाता है, और सारी जानकारी देता है. ... सर्व प्रथम डॉक्टर विनीत को देखता है। .सारी जाँच करता है और उसके बाद बोलता है के कोई बीमारी नहीं है इन्हे बस कुछ दिन पहले इन्होने गन्दा पानी पी लिया था इसलिए इनकी ऐसी हालत हो गई....
घर आ कर सुमीत देखता है की घर के बाहर ही गन्दगी का अम्बार है... और वह बहुत सी मक्खी लग रही है और इन् से चंद कदम की दूरी पर ही नल है जहाँ से सभी पीने के लिए पानी ले जाते है... इस को देख कर सुमीत को समझ आ जाता है की विनीत क्यों बीमार हुआ। .और वो अपने हाथ में एक बड़ी टोकरी और झाड़ू उठा क्र सारा कूड़ा साफ़ कर कूड़ेदान में डाल देता है इस से वहाँ मक्खियाँ नई रहती और विनीत भी धीरे धीरे ठीक हो जाता है.....
इसी तरह हम सभी को अपने घर के साथ साथ अपने आस पास के वातावरण को भी साफ़ रखना चाहिए।