Turn the Page, Turn the Life | A Writer’s Battle for Survival | Help Her Win
Turn the Page, Turn the Life | A Writer’s Battle for Survival | Help Her Win

scorpio net

Thriller

4.0  

scorpio net

Thriller

ख़जाने का श्राप

ख़जाने का श्राप

3 mins
550


दीक्षा और रुपेश विश्वविख्यात पुरातत्व वैज्ञानिक हैं..... अब तक उन्हें अनगिनत पुरस्कारों से नवाज़ा जा चुका है..... पुरातत्व विज्ञानं में दिया जाने वाला विश्वविख्यात पुरस्कार भी उन्हें इस साल मिलने वाला है..... आख़िर उनकी मेहनत का फल ही है जो उन्हें इन पुरस्कार के रूप में मिलता है.....

पुरस्कार की घोषणा हुई , और हॉल में बैठे सभी लोगों ने ताली बजा कर उनका स्वागत किया और उन्हें पुरस्कार से सम्मानित किया गया, इसके बाद उनके साथ पुरस्कार पाने वाले सभी वैज्ञानिक जिन्होंने अलग अलग क्षेत्रों में ख़ोज की और कुछ उत्कृष्ट किया , उन्होंने साथ में रात का डिनर किया....


आज दीक्षा और रुपेश को किरबाती द्वीप जाना है , एक ख़जाने की ख़ोज में..... बहुत उत्साहित हैं दोनों ,क्योंकि इस ख़जाने की ख़ोज उनके करियर को नई बुलंदियों पर पहुँचा सकता है , और वो विश्व के पहले वैज्ञानिक बन जायेंगे जिन्होंने किरबाती के ख़जाने का पता लगाया है। दोनों अपना सारा सामान पैक करते है और निकल पड़ते हैं किरबाती द्वीप की ओर..... किरबाती पहुँचने के लिए गाड़ी से उतर कर अब पानी के जहाज़ में बैठना है क्योंकि वो द्वीप महासागर में स्थित

है।

लगभग 1 घंटे के बाद वो पहुंचते हैं किरबाती जहाँ पहले से ही उनकी टीम खुदाई कर रही है..... वह पहुँचने पर उस द्वीप के आदिवासी मुखिया ने दोनों का स्वागत अपनी परंपरा के अनुसार किया ...और उन्हें रात्रि भोज के लिए आमंत्रित किया। रात होने पर आदिवासी मुखिया के रात्रि भोज के लिए जाते है और उस से द्वीप के खजाने के बारे में पूछते हैं......मुखिया उन्हें कड़े शब्दों में समझाता है के वो उस ख़जाने को ढूंढ़ना चोर दे अन्यथा उनको इसका दुष्परिणाम देखने को ज़रूर मिलेगा क्योकि उस खजाने से एक श्राप जुड़ा हुआ है की जो कोई भी उस खजाने तक पहुँच जायेगा उसकी अकाल मृत्यु निश्चित है...... पर दोनों, दीक्षा और रुपेश इस बात धयान न दे कर खुदाई के लिए तैयार हो रहे होते है अगले दिन के लिए। .

अगले दिन ही.... उन्हें कुछ मंदिर,मूर्ति ,बर्तनऔर कुछ आभूषण मिलते है खुदाई में , इस से उनकी उम्मीद बढ़ जाती है की खजाना भी वो ढूंढ निकालेंगे ... और शाम को ही ये समाचार मिलता है के आभूषणों की खुदाई के दौरान ७ बड़े मटके मिले हैं ,पर श्राप के कारण कोई भी उस मटके को हाथ नहीं लगाना चाहता है..... तभी दीक्षा आगे बढ़ती है और मटके को उठाती है और रुपेश भी उसकी मदद करता है ऐसा करने में क्योकि श्राप के कारण कोई भी उस मटके को हाथ नहीं लगाना चाहता।

मटका मिलने के बाद दोनों, दीक्षा और रुपेश दोनों मटके को ले कर अपने टेंट में जाते है के कुछ और टेस्ट के बाद उन्हें इस खजाने की बारे में बहुत सी जानकारी मिल जाएगी....बहुत समय के बाद जब दोनों में से कोई भी उस टेंट से बाहर नहीं आता है तो उनके सहकर्मियों को संदेह होता है के कही उस श्राप की बात निकली। ..सहकर्मी टेंट की तरफ भागते है और टेंट में पहुंच कर जो देखते है वो उसको देख कर सभी की आँखे फटी की फटी रह जाती हैं। के दोनों, दीक्षा और रुपेश मर चुके हैं और मटके का खजाना वहाँ से गायब है..... और आज तक कोई इस रहस्य को नहीं सुलझा पाया की आखिर दोनों की मौत कैसे हुए और वो मटके का ख़ज़ाना कहाँ गया।          


Rate this content
Log in

More hindi story from scorpio net

Similar hindi story from Thriller