scorpio net

Inspirational

4.6  

scorpio net

Inspirational

लोग क्या कहेंगे ?

लोग क्या कहेंगे ?

3 mins
744


निराली यूँ तो पढ़ने में बहुत अच्छी है,उसने इस साल १२वी के बोर्ड एग्जाम दिए हैं और उसको पूरा यकीं है की वो अच्छे नम्बरों से उत्तीर्ण होगी , पर इसके विपरीत निराली की माँ ,जो की एक गृहणी हैं उनका ये माना है की पढाई लिखाई बस कहने को है ,लड़की को उतना ही पढ़ना चाहिए जितना चल जाये जैसे की किसी सरकारी कागज पर वो हस्ताक्षर कर सके ,क्योकि शादी के बाद तो उन्हें चूल्हा-चौके से तो फुर्सत मिलती नहीं तो बिना वजह के पैसा क्यों खर्चना पढाई पर लड़की के, इसलिए बोर्ड परीक्षा ख़त्म होने के बाद से ही उसको घर गृहस्ती का काम सिखाने शुरू कर दिए क्योकि वो अब निराली की शादी करा देना चाहती है, बस उन्हें एक अच्छा कमाऊ लड़का मिल जाये। कुछ दिन तक तो ठीक था पर अब माँ की जयादती बढ़ गई थी अब तो घर का सारा काम खुद निराली को ही करना पड़ता था , पहले तो माँ हाथ बटाती थी पर अब वो सिर्फ निराली को काम कह कर खुद आराम करती थी। निराली को ये सब अच्छा तो नहीं लगता था पर वो इसको माँ का प्यार समझ कर सह लेती थी। एक दिन बुआजी घर पर किसी दूर के रिस्तेदार के लड़के का रिश्ता ले कर आयी निराली की माँ क पास निराली के लिए , निराली की माँ ने तो तुरंत हाँ कर दिया ये जान कर की लड़का नौकरी करता है ,और दहेज़ भी नहीं चाहिए उसको... पर उन्होंने एक बार भी निराली से पूछ लेना भी ठीक नहीं समझा इस बारे में... शाम को जब निराली अपने सहेली क घर से वापस आयी तो बुआजी माँ के साथ बैठ कर चाय पी रही थी ,उनको देख कर निराली ने तुरंत बुआजी को प्रणाम किया और तभी बुआ जी ने कहा की "अब तो तू फलाने के घर की बहु बनने वाली है अब जयादा इधरउधर जाने की ज़रूरत नहीं है घर में रह कर घर का काम सिख ",माँ ने भी बुआजी की बात में हाँ मिला दिया। ये सुन कर निराली को जैसे सदमा ही लग गया .... निराली जब सहेली के घर से निकली थी तो बहुत खुश थी क्योकि आज रिजल्ट आया था १२वीं बोर्ड का और उसने अपने ज़िले में सर्वोच्च अंक हासिल किया है और सर्वोच्च स्थान भी प्राप्त किया है , और तो और प्रदेश की सरकार की तरफ से उसको छात्रवृत्ति देने की भी घोषणा हुई है और तो और वो अब अपनी आगे की पढाई भी निशुल्क कर सकती है और जो भी अतिरिक्त खर्च होगा उसका वहन सरकार करेगी , वो तो अपनी आगे की पढाई की सपने बुन रही थी पर जब घर आकर उसको ये सब पता चला तो वो जैसे बिखर ही गए , कुछ समय क बाद जब बुआ जी गए तो उसने माँ को अपना रिजल्ट और सारे बातें बताई और आगे पढ़ने के सपना भी बता दिया, तभी उसकी माँ ने कहा की " लोग क्या सोचेंगे,क्या कहेंगे लोग , अकेले लड़की को शहर पढ़ने के लिए भेज कैसे दिया", तभी उसने बहुत ही हिम्मत कर के अपनी माँ से कहा " आपके लिए मैं और मेरी ख़ुशी जयादा महत्त्व रखती है या लोग ?", इतना बोल कर वो अपने कमरे में चली गए, उसके शब्द सुन कर निराली की माँ बस वहीं खड़ी रह गयी , उनकी आँखों में पश्याताप के आँसू थे , अब उन्हें समझ आने लगा की वो कितनी बड़ी गलती करने जा रही थी निराली की शादी करा कर , उसके सपनो को मार कर, वो भी "लोगों " के कहने और " लोग क्या सोचेंगे " के डर से....वो तुरंत निराली के कमरे में गई और उसको अपने सीने से लगा कर बोली " मेरी बिटिया जो भी पढ़ना चाहती है जो भी बनना चाहती है , वो सब मुकाम हासिल करेगी और आज से तेरी माँ तेरे साथ है क्योकि तू ही तो मेरा असली खजाना है ", इतना सुनते ही निराली के भी आँसू निकल आये। 



Rate this content
Log in

Similar hindi story from Inspirational