सुविधा
सुविधा
"बाय.........गुड़ नाइट।" मैसेज उसके मोबाइल की स्क्रीन पर चमका।
"आज दस बजे ही बाय, गुड़ नाइट........क्या हुआ?" उसने मैसेज का जवाब दिया।
"थकी हुई हूँ....... मुझे सोना है, मैं सोने जा रही हूँ......" मैसेज का जवाब आया।
"ओके, बाय.......गुड़ नाइट।" उसने मैसेज किया।
इस मैसेज का जवाब नहीं आया, उसके मोबाईल की स्क्रीन ब्लेंक रही। उसने मुस्करा कर अपने मोबाइल का इंटरनेट ऑफ कर दिया क्योकि उसे पता था वो अभी घंटो ऑनलाइन रहेगी और उसके जैसे न जाने कितने ही बेवकुफो को बेवकूफ बना रही होगी।
कल फिर वो मैसेज करेगी और जब तक उसे सुविधा होगी वो तब तक उस से ऑनलाइन प्रेमालाप करती रहेगी और वो भी अपनी सुविधा के अनुसार इस आभासी दुनिया के इस आभासी रिश्ते का मजा लेता रहेगा।