सूत्र बराबरी का

सूत्र बराबरी का

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मधु बेटा, आज तुम सफाई कर रही हो? तुम्हारी मम्मी कहाँ है? रोज तो वो ही सफाई करती है... और आज तुम स्कूल नही गयी? पड़ोस में रहने वाली सरोज आंटी ने पूछा।

आंटीजी आज मम्मी की तबियत खराब है उन्हें सुबह से तेज़ बुखार है। आज स्कूल की छुट्टी है तो मैं काम कर रही हूँ।अच्छा, मैं अभी आकर रीमा से मिलती हूँ। तभी सरोज आंटी अपनी सखी से मिलने आ गयी आई तो देखा रीमा बिस्तर पर लेटी है।देखते ही बोली क्या कर लिया तुमने? कल तो ठीक थी तुम।

अरे सरोज कल रात को पूरे बदन में दर्द हो रहा था, हाथ पैरों में तो बहुत था। आज सुबह जब उठी तब बुखार था। तब से बिस्तर पर ही हूँ...यह तो अच्छा हुआ कि आज दोनो बच्चों की छुट्टी है और इनके पापा ने अपने ऑफिस से छुट्टी ले ली वरना मुझ से काम भी नही होता।

तो तुमने कुछ खाया की नहीं?सरोज ने पूछा

हाँ मधु के पापा ने सुबह पोहा बनाकर दिया था।

अभी खिचड़ी बना रहे है। तुम तो इस मामले में बहुत भाग्यशाली हो कि तुम्हे ऐसे पति मिले है जो घर के सभी कामों में माहिर है खाना बनाना, बच्चों की देखभाल, कपड़ो को धोना, सुखाना सभी काम तो कर लेते है।

तभी सुधीर रीमा के पति हाथ मे चाय लेकर आये और बोले सरोज बहनजी लो चाय पीकर बताओ कैसी बनी है। ये हमारे लाड़ले ने बनाई है जब भी घर मे किसी को चाय या कॉफी पीनी हो तो वो सिर्फ हमारा बेटा ही बनाता है। रही बात घर के काम करने की तो मेरा मानना है कि जब एक माँ अपने सभी बच्चों को एक समान समझती है, पिता सबको समान रूप से पालन करता है। जब सब बराबर है तो सबको काम भी बराबर करने चाहिये। कोई भी ज्यादा या कम नही होता सब बराबर है। 

सरोज जी ने चाय का घूँट पीते हुए बोली तुम्हारा परिवार कितना अच्छा है सब लोग बराबरी से सब काम कर लेते है। कोई लड़का, लड़की का भेद नही है लड़का भी लड़कियों के काम आसानी से कर रहा है। काश ऐसा मेरे घर मे हो पाता तो मुझे कितना आराम मिल जाता सरोज जी ने कहा... ये तो आपने सही कहा बहनजी हम सब लड़का लड़की बराबर है ये नारे लगाते है, कितना बढ़ चढ़ कर बोलते है कि दुनिया बराबरी वाली है लेकिन भेदभाव अपने घर से ही करते है। यदि बचपन से ही बच्चों में भेदभाव न करें, उन्हें बराबर काम दे तो हम और हमारे बच्चे सुखी रहेंगे। बराबरी की शुरुआत घर से ही करो तो ये दुनिया बराबरी वाली अपने आप बन जायेगी। फिर उसके लिए कोई कदम नही उठाने पड़ेंगे। अब सरोज जी भी अपने मन मे सोच रही है मैं भी आज से ही इस बराबरी वाला सूत्र अपने घर में भी लागू करूंगी।


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