हमारे पूर्वज
हमारे पूर्वज


हमारे पूर्वज जो कल थे, उनका चिराग आज हम है।
उन पुरखो के बचे अंश हम हैं।यह जीवन मिला उन्हीं से...
उन्ही के वंश का चिराग हम है।
सब रीत रिवाज़ उनके दिये हैं।सभी संस्कारों में जो बसे...
कभी पूर्वजो को देखा नही है।
पर ऋणी तो उनके हम हैं।दिखते नहीं वो हमको...
पर उनकी नज़र में सदा हम हैं।
जो हमको आशीर्वाद देते है।धन्य उनसे हम हैं..
नित रोज त्यौहार मनाते होकर भी
पितरों को भी याद करोजिनकी वजह से तुम्हारा आज है।
आगे वाली पीढ़ी को सीख दोवरना कल को
उन्हें भी पूछने वाला कोई नही होगा...
बिना कुछ कहे जो चले गए अपनी आँखों में
अरमान लिएएक दिन उन्हें याद करलो...
सब रह जायेंगे, कोई तुम्हारे साथ न जाएगा
बस कर्मों का लेखा जोखा तुम्हारा कल बन जायेगा।