सुरक्षित नहीं देश की बेटियां...
सुरक्षित नहीं देश की बेटियां...


यह कहानी है उन लड़कियों की जिन्हें लड़की होने पर गाली दी जाती है, लोगों का मानना है कि 21वीं सदी की शुरुआत जाने नए सूरज की किरणों के साथ आया है, वो वह भी मानते हैं कि 21वीं सदी में सबसे ज्यादा देश की बेटियों को सम्मान दिया जाता है। "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" सेंटेंस से देश की बेटियों को सम्मान दिया जाता है।
लेकिन उसी सम्मान के बीच निर्भया, प्रियंका रेड्डी और मनीषा वाल्मीकि जैसी कितनी और बेटियां दुष्ट व्यवहार का शिकार हुई है, हम बड़े आत्मविश्वास से कहते हैं हमारा देश महान है लेकिन आज मनीषा का वाकया पढ़ने के बाद हर इंसान की रूह कांप उठी है। हमारा देश ऐसे महान है ?? जिस देश की बेटी दिन के उजाले में भी सुरक्षित नहीं है, और हां हम उस देश से है जहां औरतों को देवी माना जाता है उसकी पूजा की जाती है लेकिन फिर उसी देवी के साथ ऐसा व्यवहार किया जाता है।
आज हमारे जैसे कितनी लड़कियां घर से बाहर जाती है तो हमारे परिवार को डर लगता है कि शायद आज मनीषा के साथ जो हुआ है कल हमारी बेटियों के साथ भी यह ना हो जब उनकी बेटी घर से बाहर जाती है तो वह 10 बार सोचते हैं।
और मुझे यह सोचकर अजीब लगता है कि जिन लोगों ने यह बेहूदा काम किया है उनके घर में मां, बहन, बेटियां नहीं होंगी या फिर वह अपनी बहनों की इज्जत भी बिल्कुल इसी तरह से करते होगे। यह जानकर बहुत अफसोस होता है कि भारत जैसी पाक भूमि पर इन जैसे बेहूदा नापाक लोग रहते है इन्हें जल्द से जल्द कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
दिल से आज एक ही आवाज निकल रही है,
#justiceformanishavalmiki
#jisticeforeverywomen