Sakera Tunvar

Others

4.4  

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ये इश्क नहीं आसान...!!

ये इश्क नहीं आसान...!!

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यह कहानी है तिन दोस्तों की यानी कि इवा, तृप्ति और मयंक की...यह तिनों एक दूसरे की जान है..,अगर तिन में से कोई एक को बुखार भी आ जाए तो बाकी के दो भुखे ही सो जा‌ए...ऐसा इनका गेहरा रिश्ता है...तो चलो कहानी को अब आगे बढ़ाते हैं...!!

आज कोलेज के ग्राउंड में इवा और मयंक चक्कर काट रहे हैं...!!

मयंक " यार यह तृपि को आने में इतनी देर क्यों हो ग‌ई ..??"

इवा "अरे...तु टेंशन क्यो ले रहा है वो आ जाएगी...तु तो जानता ही है उसे तैयार होने में ही कितना टाइम लगता है..."(इवा ने यह बोल तो दिया लेकिन मन में तो उसे भी घबराहट हो रही थी क्योंकि वो आज फोन भी नहीं उठा रही थी...!!)

वैसे कोलेज में इन तीनों की जोड़ी फेमस थी क्योंकि इंटेलिजेंट होने के साथ साथ इवा और तृप्ति बेहद खूबसूरत और मयंक इतना ही हेन्डसम है...!!

और वैसे तो वो तिनों ही एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे लेकिन पुरी कोलेज यह बात जानती थी कि मयंक तृप्ति से प्यार करता है और इवा मयंक से...,कहीं न कहीं यह बात वो तिनों भी जानते ही हैं लेकिन इस बात की असर कभी उन्होंने अपनी दोस्ती पर नहीं पड़ने दी...!!

तृप्ति आज घर से कोलेज जाने के लिए ही निकल रही थी... लेकिन बहार आकर उसने जैसे ही देखा उसकी स्कूटी का पिछला टायर पंचर था...!!

तृप्ति अपने आप से ही ,लो हो गया तेरा बैडा पार...आज वैसे ही लेट हो गई हुं और उन दोनों ने आज तो मेरा कचुंबर ही बना देना है...चल आज तो ओटो में ही चली जाती हुं...!!

वो ओटो के लिए चलते हुए थोड़ी आगे आ जाती है...,के तभी फिर से मयंक का फोन आता है..!!

तृप्ति " यार यह दोनों को चेन नहीं है..और जब तक बात नहीं कर लुंगी तब तक यह दोनों ऐसे ही बारी बारी कोल करते ही रहेंगे...!!"

तृप्ति ने कोल पिक कर लिया...!!

दूसरी तरफ से मयंक, "तृप्ति यार कहां है तु कबसे तुझे कोल कर रहे हैं...!!"

तृप्ति " अरे यार स्कूटी खराब हो गई है... इसलिए ओटो में आ रही हूं...!!"

वो अब भी ऐसे ही बात कर रही थी और पीछे से फुल स्पीड में एक ट्रक आ रहा था... लेकिन अब भी तृप्ति की नजर उस पर नहीं थी...!!

शायद ट्रक की ब्रेक्स फेल थी...तृप्ति के सामने ही ट्रक था और वो फोन पर अब भी बात कर रही थी...!!दुसरी तरफ इवा और मयंक दोनों ही फोन स्पीकर पर डालकर बात कर रहे थे...के तभी तृप्ति की जोर से चिख सुनाई दी...!!

(जी आपने बिल्कुल सही सोचा ट्रक ने तृप्ति को टक्कर मार दी...)

मयंक और इवा उसकी चिख सुनकर गभराते हुए...,हेलो...तृ...तृपि...तृपि...तु ठीक है...!!"

इवा "तृपि...तृपि...तु मजाक कर रही है ना...!!"

लेकिन दुसरी तरफ से कोई आवाज नहीं आती..!!

और दुसरी तरफ तृप्ति खून से लथपथ एक तरफ गिरी हुई थी वो अपने फोन की तरफ ही देख रही थी...!!"

और आसपास अब भीड़ भी जमा होने लगी थी...!!

तृप्ति अब भी फोन की तरफ ही इशारा कर रही थी...,एक आदमी ने उस तरफ देखा,और फोन उठा लिया..!!

आदमी " हेलो...!!"

मयंक "आप...!!"

आदमी " जी आप जिससे बात कर रहे थे उनका एक्सिडेंट हो गया है...हम इन्हें होस्पिटल लेकर जा रहे हैं...आप जल्दी वहां पहुंचीए...!!"

मयंक और इवा ने जैसे ही यह सुना...उनके पैरों तले जमीन खिसक गई... दोनों के ही आंखों से आंसू बह रहे थे...!!

इवा "मयंक चल जल्दी तृपि को हमारी जरूरत है...!!"

मयंक " हां...हां चल..."

दोनों भागते हुए जाकर गाड़ी में बैठ जाते हैं..!!और कुछ ही मिनिट में वो होस्पिटल के सामने थे...!!दोनों भागते हुए होस्पिटल के अंदर जाते हैं...!!

रिसेप्शन पर जाकर इवा...,वो..वो अभी..(वो बोलने की कोशिश कर रही थी पर बोल ही नहीं पा रही थी...)

मयंक " अभी एक लड़की का एक्सीडेंट केस यहां आया है...??"

रिसेप्शनिस्ट " हां वो उनका थर्ड फ्लोर पर ओप्रेशन चल रहा है...!!"

दोनों भागते हुए,सिडीयो से ही थर्ड फ्लोर पर पहुंच गए...थोड़ी देर बाद ओप्रेशन थियेटर में से डोक्टर बहार आए...!!मयंक और इवा एक साथ में,डोक्टर वो तृपि...

डोक्टर " उनकी हालत बहुत ज्यादा क्रिटीकल है हम उनका ओप्रेशन भी नहीं कर सकते क्योंकि उनका ब्लड प्रेशर एक दम लो है...और उनकी बोड़ी भी रिस्पांस नहीं कर रही...!!आप चाहें तो उन्हें एक बार मिल सकते हैं...!!"

मयंक और इवा अंदर जाने के लिए कदम आगे बढ़ाते हैं..., लेकिन दोनों के ही कदम लड़खड़ा रहे थे कि वो उसे इस हालत में देखेंगे कैसे...!!

(और आप ही सोचो की किसी एक को बुखार होने पर बाकी दो खाना तक नहीं खाते थे...,और आज तो उनकी दोस्त जिंदगी और मौत के बिच में लड रही थी...)

दोनों बाहर से ही तृप्ति को देखते है लेकिन दोनों में से किसी की भी अंदर जाने की हिम्मत नहीं हुई...!!

दोनों मन ही मन में प्राथना कर रहे थे कि उसे कुछ ना हों...!!

मयंक " प्लिज भगवान....उसे ठीक कर दो...अगर उसे कुछ हुआ तो में मर जाउंगा...वो सिर्फ मेरी दोस्त नहीं है मेरी जिंदगी है...मेरा प्यार हैं...!!

तृप्ति उसकी बात सुनकर रोते हुए अपने मन में ;प्लिज भगवान तृपि को ठीक कर दो...प्लिज वो सिर्फ मेरी दोस्त नहीं है...वो मेरी जिंदगी की जिंदगी है...प्लिज उसे ठीक कर दो...!!में उन दोनों की जिंदगी से बहुत दुर चली जाउंगी, लेकिन प्लिज तृपि को ठीक कर दो...!!

तभी नर्स भागती हुई बाहर आई और डोक्टर को आवाज दी..!!

इवा "क्या... क्या हुआ...??

नर्स "वो पेशन्ट का ब्लड प्रेशर नॉर्मल हो गया है और उनकी बोडी भी रिएक्ट कर रही है...!!"

डोक्टर भी तभी वहां आ गए...,और अंदर चले गए...!!कुछ ही समय में ओप्रेशन स्टार्ट हुआ और तकरीबन दो घंटे बाद डोक्टर बहार आए...मयंक और तृप्ति उनके सामने आ ग‌ए...,

डोक्टर " वो अब खतरे से बाहर है...एक दो घंटे में उन्हें होश भी आ जाएगा... उसके बाद आप उनसे मिल सकते हो...!!"

मयंक और इवा " थेंक्यु...थेंक्यु सो मच डोक्टर...!!"

थोड़ी देर बाद तृप्ति को होश आ गया...और मयंक और इवा जाकर उसे मिले..!!"

मयंक " पागल जानती है...मेरी जान निकाल दी थी...!!"

तृप्ति उसकी बात सुनकर मुस्कुरा देती है...!!

थोड़ी देर बाद तीनों ऐसे ही बात करते हैं..., फिर इवा मुझे तुम दोनों को कुछ बताना है,मम्मी का कोल आया था पापा की तबियत सही नहीं है इसलिए मुझे वापस पंजाब जाना होगा...!!

मयंक कुछ सोचकर ,"वापस कब आएगी...??

इवा " पता नहीं...!!इवा मुझे आज ही निकलना है तु तृपि का ध्यान रखना...,!!

तृप्ति " लेकिन...,"

इवा " अच्छा अब मैं चलती हूं... इतना कहकर वो वहां से निकल जाती है..., शायद अपने दोस्तों से दुर,या यु कहे आगे जाकर यह तिन जिंदगीया उलझने वाली थी, उससे उलझने से पहले ही इवा ने सुलझा दिया...!!

वो अपने मन में सोच रही थी...,

यह तो किसी ने कहा नहीं है की हर इश्क मुकम्मल हो जा‌ए...,क्योकी ये इश्क आसान नहीं जो हर किसी को मिल जाए...!!


अगर आप सबको यह कहानी अच्छी लगी तो इसका दूसरा भाग लिखने की कोशिश करुंगी...!!




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