सीधी सी बात...
सीधी सी बात...


मैं आज अपना एक किस्सा सुनाना चाहूंगी, कुछ दिन पहले की बात है में मेरी कालेज में गई थी कुछ काम से, लेकिन अभी कोरोना के कारण ज्यादातर स्टुडन्टस नहीं थे... लेकिन वहां की साफ सफाई करने के लिए कुछ औरतें आयी हुई थी, उनके साथ साथ ३ या ४ साल के तीन बच्चे थे, वो वहां खेल रहे थे और वो बहुत ज्यादा खुश भी थे, मैंने एक बच्चे को बुलाया और में ने उसे एक चोकलेट दी और बाकी के दो बच्चे भी वहां आ गए तो मैंने उन्हें भी एक एक चोकलेट्स दी वो इतने ज्यादा खुश हुए के उन्हें देखकर ऐसा लगा कि शायद उन्हें कोई खजाना मिल गया हो।
आप लोगों को ऐसा लग रहा होगा कि में क्या कहना चाहती हूँ लेकिन यह सीधी सी बात है की हमारा बचपन कितना खूबसूरत होता है ना लोगों की परवाह होती है और ना ही हमारी परिस्थितियों की, बिल्कुल उन बच्चों की तरह जो अपने हालातों से अनजान सिर्फ खुश रहना जानते हैं और ये सच में एक सही और सीधी सी बात है की हमारी जिंदगी की सबसे अहम और खूबसूरत यादें सिर्फ बचपन की होती है। और बड़े होने के बाद बहुत सारी परिस्थितियाँ हमें घेर लेती है।