The Stamp Paper Scam, Real Story by Jayant Tinaikar, on Telgi's takedown & unveiling the scam of ₹30,000 Cr. READ NOW
The Stamp Paper Scam, Real Story by Jayant Tinaikar, on Telgi's takedown & unveiling the scam of ₹30,000 Cr. READ NOW

Dr Jogender Singh(jogi)

Romance

4.4  

Dr Jogender Singh(jogi)

Romance

सपना

सपना

5 mins
150


"मिस यू सो मच माय सोना "

                   झूठे हो तुम बड़े वाले।

जानू। तुम जानती हो मैं झूठ 

नहीं बोलता

                  फिर बताओ, मैं कैसी लग रही थी 

मोस्ट ब्यूटीफुल

                गलत बात 

इसमें ग़लत क्या है ?

                 शादी करोगे ना मुझ से ?

आज ही। भाग आओ।

                पागल हो

हाँ हूँ।

               बाय

बाय मिस यू 

              मी टू

मुस्कान ने जल्दी से फ़ोन रखा। माँ बुला रही है। आयी माँ, उसने ज़वाब दिया।

"इस लड़की को पता नहीं क्या हो गया, दिन भर फ़ोन से चिपकी रहती है " रेवती मसाला भूनते हुये बड़बड़ाई।" मेरी प्यारी मम्मी, क्या मन्त्र पढ़ रही हो अकेले में " मुस्कान ने छेड़ते हुये कहा।

क्या कर रही थी ? बहरी हो जाती हो, फ़ोन लेकर।

ऑफिस का काम कर रही थी। और क्या करुँगी ?क्या मदद कर दूँ।

चल ! आटा लगा दे, सब्जी तो बन ही गई। चावल चढ़ा देती हूँ।

पापा, नहीं दिख रहे ? मुस्कान ने आटा निकालते हुये पूछा।

संडे है ना। शर्माजी के यहां गए है, शतरंज खेलने, आते होंगे। बेटा, पापा की किसी दिन जांच करवा दे। डॉक्टर मेहरोत्रा ने कहा था, हर छह /सात महीने में जाँच करवा लेनी चाहिए, मेरी तो सुनते नहीं। तू ही समझा इनको। डेढ़ साल हो गया जाँच कराये थे।

आज सुबह करवा सकते थे। ऐसा करती हूँ, परसों ऑफ़िस से हाफ डे की छुट्टी ले लेती हूँ, जांच करवा कर पोस्ट लंच ऑफ़िस चली जाउंगी। देखो,आटा ठीक गूँथ गया ना ?

कितना सख़्त गूँथ दिया। ठीक से खाना बनाना सीख ले, नहीं तो अपने पति को भूखा मार दोगी। चल हट, मैं ठीक करती हूँ, रेवती ने परात अपनी तरफ़ खींची। यहीं खड़ी रह कर देख। पापा से बात कर लेना, छुट्टी लेने से पहले, तैयार हो जाएँ तभी छुट्टी लेना।

ठीक! मैं जा रही हूँ! मुस्कान वहाँ से खिसकते हुये बोली।

यहीं खड़ी रह चुपचाप, एक संडे का ही दिन मिलता है तुझे। बेटा खाना बनाना सीख ले, नहीं तो बाद में दिक्कत होगी। रेवती ने प्यार से समझाया।

यू ट्यूब /इंटरनेट है ना माँ, सब हो जायेगा। 

अच्छा! यू ट्युब में देख कर बता, सख़्त गुंथे आटे को कैसे ठीक करें। यू ट्युब /नेट मदद कर सकते है, कुछ तो पहले से आना चाहिए। चुपचाप मेरे साथ हाथ बंटा।

रेवान का मैसेज आया। मुस्कान अनमनी सी किचन में खड़ी थी। कैसे जवाब दूँ ? माँ तो छोड़ ही नहीं रही।

अब देख ! छू कर देख, ऐसे आटा ठीक करते हैं। और परात साफ़ होनी चाहिए। चमचमा रही हैं ना, ऐसे गूंथना चाहिए कि बिना धोये मुँह देख सकें परात में।

मेरी माँ है ही नंबर वन, मुस्कान लाड़ जताते हुये बोली। जाऊँ अब।

नहीं! आज जब तक खाना नहीं बन जाता तू साथ में ही रहेगी।

टॉयलेट हो कर आयी अभी। मुस्कान भागी।

हाथ, बहुत अच्छे से धो कर आना। 

ठीक माँ।

बाथरूम में घुसते ही मुस्कान ने मोबाइल खोला। रेवान के पांच मेसेज :

(1:05pm)

 hi

क्या कर रही हो ?

(1:10pm)

जवाब दो 

(1:17pm)

नाराज़ हो क्या 

सॉरी 

                (  1:24pm)

 माँ के साथ थी। शाम को बात करते हैं, बाय

क्या करने लगी बाथरूम में ? जल्दी आ।

आयी।!

क्या बना हैं ? राधारमण ने घर में घुसते हुये पूछा। बैंगन का भर्ता। मज़ा आ जायेगा। थोड़ा चख लूँ।

हाथ धोये ? पहले हाथ धो लीजिए, मैं खाना लगाती हूँ।

वाह पापा! क्या नाक हैं, सूंघ कर बता दिया मुस्कुराते हुये बोली मुस्कान।

तुम्हारी मम्मी को भी सूंघ कर पसंद किया था, मेरी कमाल की नाक की वज़ह से इतनी अच्छी मम्मी मिली है तुम को।

हैं --! आपने माँ को देखा नहीं था ?

देखा था। एक घूँघट था बड़ा सा और साड़ी लिपटी थी चारों तरफ़, हँसते हुये राधारमण बोला। पर भीनी /भीनी खुशबूं से मैं समझ गया था, यह ही बनेगी मेरी दुल्हनिया।

तब तो दो बोल नहीं निकले थे, जब सब लोग पूछ रहे थे, लड़की पसंद है ? तो मिट्टी के माधो /गूँगे बन कर बैठे थे।आज डींगें हाँक रहे हो। 

मैं तो खुशबू से मदहोश हो गया था और आज तक हूँ। डाइनिंग टेबल पर बैठते हुये राधारमण बोला।

कुछ तो शर्म करो। जवान बेटी के बाप हो, बूढ़ा गए पर अक्ल नहीं आयी।

बूढ़ा कौन ? अभी शर्मा जी को हरा कर आ रहा हूँ। तीन बाज़ी।

शतरंज बूढ़ों का ही खेल है। रेवती बोली 

दिल और दिमाग जवान तो बन्दा पहलवान।

हाँ पापा। परसों इस जवान को अपने ब्लड टेस्ट करवाने चलना है। और कोई बहाना नहीं।

परसों।! एक ज़रूरी मीटिंग है कॉलेज में।

कोई मीटिंग नहीं, परसों मतलब परसों। मुस्कान आँखें तरेरते हुये बोली।

सही में बेटा। अगले संडे पक्का।

फिर कोई बहाना नहीं चलेगा।

पक्का। लाओ भई, एक रोटी और दे दो। आंनद आ गया।

रेवान! अपनी मम्मी से बात कर लो। तो मैं भी घर पर बात कर लूँ। दोनों ऑफ़िस के बाद कॉफी शॉप पर कॉफी पी रहे थे। मुस्कान गुलाबी साड़ी में बहुत प्यारी लग रही थी। माथे पर सितारे सी छोटी बिंदिया उसे बला की खूबसूरत बना रही थी।

हूँ! रेवान मानो नींद से जागा। हाँ कर ली मैंने बात, कल फ़ोन पर। अगले हफ्ते माँ आयेगी, तब तक तुम भी अपने घर पर बात कर लो।

सच्ची!!! थैंक्यू, थैंक्यू, मुस्कान ने रेवान को चूम लिया।

अरे!!सब देख रहें है, रेवान झेंपते हुये बोला।

सॉरी सॉरी! तुमने बात ही इतनी अच्छी सुनाई। सॉरी एवरीवन!

चलो!चलते है। मुस्कान को जैसे पंख लग गए।

पापा! आप दोनों से एक ज़रूरी बात करनी है ?

बोलो! राधारमण ने प्यार से बोला।

पापा, वो मेरे ऑफ़िस में एक लड़का है, रेवान।

अच्छा! जो संडे को पैथोलॉजी में मिला था, टेस्ट करवाने आया था। क्या हुआ उसे।

पापा मैं और रेवान एक दूसरे से प्यार करते हैं, आप लोगों को अगर पसंद हो तो हम लोग शादी करना चाहते हैं।

पर!! वह जाँच क्यों करवा रहा था ?

बुद्दू ही रहोगे आप! वो मुस्कान और आप से मिलने आया था। अपनी ही कास्ट का है, पिताजी बचपन में गुज़र गए, उसके। संस्कारी बच्चा है, अपनी मेहनत से आगे बढ़ा है! देखने में भी सुन्दर हैं। रेवती बोली।

तो माँ /बेटी का गठबंधन हो चुका हैं, फिर मेरे वोट की क्या अहमियत। मुस्कुराते हुये राधारमण बोला।

पापा!! थैंक्स !! अभी रेवान को फ़ोन करती हूँ|

सुनो!! पापा भी मान गये, तैयारी करो, शादी की, फ़ोन पर मुस्कान जोश से रेवान को बता रही थी

मुस्कान की आँखों में सतरंगी सपने झिलमिला रहे थे रेवान के सपने, मुस्कान के सपने सच होते सपने



Rate this content
Log in

More hindi story from Dr Jogender Singh(jogi)

Similar hindi story from Romance