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Reena Srivastava

Abstract

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Reena Srivastava

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स्कूल की दोस्ती

स्कूल की दोस्ती

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क्या खूब थी वो स्कूल की यादें।

जब हम बने थे चार दोस्त। 

 दोस्ती थी हमारी अटूट।


हम कभी ना भूला पाऐ।

 कुछ खट्टी, कुछ मीठी।

बन कर रह गई यादे हमारी।

वक्त से मजबूर होकर हम।

बिछड़ गए सारे दोस्त।


ना जाने कहाँ -कहाँ।

बस यादों में बनकर।

रह गई उनकी छवी।

याद करती हूं जब उन्हें।


आँखें हो जाती है नम।

स्कूल की दोस्ती थी हमारी।

कोई अटूट रिश्ता से कम नहीं।


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