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Reena Srivastava

Children

4  

Reena Srivastava

Children

बचपन का अप्रैल फूल

बचपन का अप्रैल फूल

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बचपन की सुनाती हूं एक किस्सा।

जब बनाया सबने मेरा अप्रैल फूल। 

 सखियों ने कहां जाकर देखो बाहर।

 बुला रहा है तुम्हें कोई।


मैंने पूछा कौन बुला रहा है मुझे।

बोली मुसीबत में है, ढूंढ़ रहा तुम्हें।

 सुनकर भागी-भागी गई जब मै बाहर। 


देखा इधर-उधर था ना कोई वहॉ पर।

थक हार वापस आ कर जब मै पुछी सबसे।

किसने मुझे बुलाया दिखा ना कोई बाहर मुझे।

बात सुनकर खिलखिलाकर हंसने लगी सब।


बोली कोई नही ढूंढ़ रहा है तुम्हें। 

हमसब मिलकर बनाया तुझे अप्रैल फूल।

बोलकर सब जोर-जोर से हंसने लगी।

फिर बोली बड़ा मजा आया बनाया तुझे मूर्ख। 

आज एक अप्रैल है मनाते हमसब अप्रैल फूल।


फिर हम सब मिलकर जोर से हंसने लगे।


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