शतरंज की चाल
शतरंज की चाल
"शतरंज की चाल"- लघुकथा- डाॅ शैलजा एन भट्टड़- 9164325435
"सर, इस बार मुख्यमंत्री पद के लिए पार्टी का टिकट आपको न देकर किसी और को दे दिया गया, जबकि जनता पिछली दो बार से लगातार आपको ही मुख्यमंत्री बना रही है।" भूतपूर्व मुख्यमंत्री के सहयोगी ने कहा। "इस बार पुनः अगर हमारी पार्टी जीती तो मुख्यमंत्री का नाम कुछ और होगा, है न सर।"
चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद सभी न्यूज़ चैनल पर जो कहा जा रहा था, वह था- "भूतपूर्व मुख्यमंत्री की लोकप्रियता इतनी अधिक है, कि हमारे राज्य की जनता इनकी पार्टी से किसी और चेहरे को मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार नहीं करती, परिणाम स्वरूप पार्टी को बुरी तरह हार का मुंह देखना पड़ा।"
इधर भूतपूर्व मुख्यमंत्री अपने कार्यकर्ताओं और सहयोगियों के साथ नए मुख्यमंत्री की जीत का जश्न मनाने में मशगूल थे। आखिर जीत का सेहरा उनके सिर जो बांधा जा रहा था।
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