शरलॉक चाचा चौधरी गुरुग्राम में
शरलॉक चाचा चौधरी गुरुग्राम में
"क्यों भाई, और भी चाय-कॉफ़ी पीना है क्या? काफ़ी देर से बैठे हो यहाँ हमारी स्टॉल पर ! कहाँ से पधारे हैं आप अजनबी साहब !" चाचा चौधरी ने अपनी स्टिक घुमाते हुए उस हुक्का पीते आदमी से पूछा
अजनबी ने चाचा चौधरी की स्टिक घुमाने की स्टाईल से और उनके डॉयलॉग डेलिवरी से उन्हें ताड़कर नज़दीक़ आकर उन्हें घूरा।
"ऐसे क्यों देख रहे हो मुझे? यहाँ सब मुझे चाचा चौधरी कहते हैं ! तुम कौन हो? वह कार तुम्हें यहाँ छोड़कर कहाँ चली गई है? अब तुम कहाँ और कैसे जाओगे? किसी की तलाश में हो या परेशानी है कोई?"
"व्हाट अ स्ट्रेइंज मेन ! ... टू मेनी क्वेश्चंस !" अजनबी बड़बड़ाया। फ़िर हुक्का खींचते हुए बोला, "लगता है अब तुम्हें ही साथ लेना होगा छाचा (चाचा) ! मेरा नाम है हीराचरण काचरू। मुझे तुम्हारी ही तलाश में यहाँ भेजा गया था। मज़े की बात यह है कि वह कैब-ड्राइवर मुझे तुम्हारे पास ही छोड़ गया। मैं तुम्हारे बारे में ही तो उससे बात कर रहा था मिस्टर छौधरी !"
"मेरी तलाश में थे ! मतलब तुम किसी मुश्किल में हो ! लेकिन मैं झूठे फ़रेबियों की संगत नहीं रखता और न ही उनकी मदद करता हूंँ? "
"छाचा छौधरी ! जूठे फ़रेबी से क्या मतलब तुम्हारा ? आइ अम नॉट अ लाइअर, नोर अ फ्रॉड, मेन !"
"मिस्टर, तुम्हें हिंदी आती है, तो मेरा नाम भी सही ढंग से बोलो और हिंदी सही उच्चारण से बोलो... यह हमारी मदर टंग है ! यू अन्डरस्टैण्ड... बेटर यू अन्डरस्टैण्ड !" चाचा चौधरी ने अपनी पगड़ी संतुलित करते हुए कहा, "सीधे-सीधे बताओ... तुम आदतन बहुरुपिये हो न... जासूस हो न... किसी ज़रूरी खोज में मेरी मदद चाहते हो न... अब कह भी.दो कि तुम वही शरलॉक होम्स हो न... जो बहुत से कारनामों के लिए जाना जाता है !"
"हाँ, मैं वही हूंँ ! हाउ वंडरफुल ! मैंने तुम्हें पहचान लिया और तुमने हमें बॉडी लैंग्विज़ से ! वाउ !"
"अब मुझे तुम अपनी समस्या बताओ, जिससे कि हम अपने काम शुरू कर सकें !"चाचा चौधरी ने स्टॉल का शटर गिराकर कहा और अपनी स्टिक कंधे के नीचे दबाकर शरलॉक होम्स को पीछे के खेत में बनी एक झोपड़ी में एकांत में ले गये।
"यहां गोपीचंद नाम का एक बदसूरत नौजवान है, जो मासूम बच्चों के अपहरण करने वाले एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह की तीसरे लेवल की चैन की ख़ास कड़ी है। वह पुलिस और सीबीआई को चकमा दे रहा है। आपके देश की एक प्राइवेट एजेंसी ने मुझे यह काम सौंपा है और कहा है कि चाचा चौधरी की तकनीकें अच्छी है बच्चों से संबंधित अपराधियों के अड्डों तक सेंधमारी में।"
"समझ गया ! ...एक से भले दो ! अब आयेगा मज़ा ! कल से हम अपना काम शुरू करते हैं ! चाचा ने शरलॉक होम्स के कंधे पर हाथ रखते हुए भरोसा दिलाते हुए कहा।