महागठबंधन संकट में! (लघुकथा)
महागठबंधन संकट में! (लघुकथा)


"देखो, बहुत कम वक़्त बचा है, कुछ तो करना होगा, मुझसे जो सकता था मैंने किया! मैं हारना नहीं चाहता!" जूनियर ने कहा।
"हार मानने से अच्छा बहादुरी से लड़ते हुए शहीद हो जानाहै!" सीनियर-वन ने कहा।
"वो भी न हो सके, तो ख़ुदकुशी बेहतर है; वैसे अब काफ़ी लेट हो चुके हो, जूनियर!" सीनियर-टू अकड़ कर बोला।
"तुम्हारे टेलेंट और सफल मिशन से हमें राहत मिली थी जूनियर; लेकिन अब तुम भी हमारी तरह कमज़ोर बना दिये जाओगे!" सीनियर-थ्री ने विनम्रतापूर्वक हमदर्दी भी जताते हुए कहा।
"जूनियर तुमने ऐतिहासिक क़ामयाबी हासिल की है इस विज्ञान और कम्प्यूटर युग में! कोई तुम्हें अब तक हमारी तरह पंगु नहीं बना सका था, लेकिन अब हम तुम पर मंडरा रहे संकट से चिंतित हैं।" सीनियर-वन जूनियर के नज़दीक़ जाकर बोला।
"डरो मत! चिंता भी मत करो! वे लोग मेरे और हमारे महागठबंधन के ख़िलाफ़ जितने भी जतन और ट्रायल कर रहे हैं न, वे उनके ईगो और राजनीति से संक्रमित ही हैं! उनकी स्वार्थी कूटनीति हमें पता है और आपको भी...! ऊपरवाले ने चाहा तो जीत हमारी यानि हमारे महागठबंधन की ही होगी।" प्रतिभाशाली जूनियर ने बड़े आत्मविश्वास से कहा।
"तो क्या तुम्हें लगता है कि चुनावी वादों की तरह उनकी हर वैक्सीन विज्ञापनबाज़ी या टॉफी गिफ़्ट माफ़िक़ साबित होगी?" सीनियर-टू ने उग्र स्वर में पूछा।
"सर, 95% तो यही लगता है! मैं अपने महागठबंधन के सीजनल वाइरसों और बैक्टीरिया दलों से समर्थन व सहयोग हेतु लगातार सम्पर्क में हूँ। हम अपना सौ फ़ीसदी कर्तव्य निभा कर अपनी जीत की 5% संभावना को सौ नहीं, तो 95% में बदलने के लिए कृतसंकल्पित हैं, सर!" जूनियर ने सीना तान कर कहा।
"अच्छा! क्या करोगे अब? वे आने वाली दिसम्बर में वैक्सीन धमाका करने वाले ह़ैं, पता है न!" अब सीनियर-थ्री बोल पड़ा।
"नोवेल कोरोना कहलाता हूं मैं! उनके प्रोफेशनलिज्म, पॉलीटिक्स, डिप्लोमेसी तो जानता ही था; इन आठ-नौ महीनों में मैं उनके आक़ाओं के अहम, अहंकार, भ्रष्टाचार और कालेबाज़ार को भी समझ चुका हूँ और नागरिकों की फ़ितरत और मनमानी भी समझ चुका हूँ!" जूनियर शेर की तरह दहाड़ता हुआ बोला, "कोरोना वंश, वाइरस वंश और बैक्टीरिया ख़ानदान... सब की सुरक्षा और विकास की ज़िम्मेदारी अब मुझ पर ही है!"
"सही कहते हो, जूनियर! अब तक वे हम पर आंशिक सफल रहे! अगर इस बार वे पूरे या अधिक सफल हो गये तो हम सब नेस्तनाबूद किये जा सकते हैं! हमारी भावी पीढ़ियाँ और हमारा महागठबंधन राजनीतिक गठबंधनों माफ़िक़ बड़े संकट में हैं!" वाइरस और बैक्टीरिया महागठबंधन की इस गोपनीय आपातकालीन सभा के अध्यक्ष वाइरस ने कहा।
"दुनिया के नागरिकों का तुष्टिकरण करते रहना ही एकमात्र उपाय है। आप लोग जहाँ-जहाँ हो, अपने काम यथावत करते रहो। तुष्टिकरण के साथ नागरिकों, वाइरसों और बैक्टीरिया वंश का सपोर्ट हासिल करते रहो! मैं अपने काम में अंतिम साँस तक लगा रहूँगा। जय-जय तुष्टिकरण! बेस्ट ऑफ़ लक टू ऑल ऑफ़ यू!" जूनियर ने सिर झुकाकर कहा और फ़िर अध्यक्ष महोदय के समक्ष अपनी 'नवम्बर 2020 - मार्च- 2021 परियोजना' फाईल सुपुर्द कर दी सादर अवलोकनार्थ।