सेठ ने पूछा – “ ककड़ी तो बहुत कड़वी थी । भला तुम ऐसे कैसे खा गये ?” सेठ ने पूछा – “ ककड़ी तो बहुत कड़वी थी । भला तुम ऐसे कैसे खा गये ?”
कहते हुए उसने अपनी मुट्ठी खोली तो उसकी हथेली पर एक रंगीन... ख़्वाब सा.. कहते हुए उसने अपनी मुट्ठी खोली तो उसकी हथेली पर एक रंगीन... ख़्वाब सा..
"भाई तुम तो सरकारी नौकर ठहरे और हम एक मामूली से गरीब किसान हैं. "भाई तुम तो सरकारी नौकर ठहरे और हम एक मामूली से गरीब किसान हैं.
"बहू ,तुम्हारा इस घर में हार्दिक स्वागत है । अपने शुभ क़दमों से इस घर में प्रवेश करो ।" "बहू ,तुम्हारा इस घर में हार्दिक स्वागत है । अपने शुभ क़दमों से इस घर में प्रवेश ...
हर गली बॉय..... गुंडा नहीं हो जाता वह भी अपनी इंसानियत दिखा सकता है। हर गली बॉय..... गुंडा नहीं हो जाता वह भी अपनी इंसानियत दिखा सकता है।
"ये मेरा ड्रीम ही होगा। अ वेरी बेड ड्रिम। मॉर्निंग में ऑंखें खुली कि ड्रिम गायब! उड़नछू. "ये मेरा ड्रीम ही होगा। अ वेरी बेड ड्रिम। मॉर्निंग में ऑंखें खुली कि ड्रिम गायब!...