वो दोपहर-13
वो दोपहर-13
मैंने कुछ उत्साहित होकर अपनी जेब से वही ब्रोच जैसा छोटा कैमरा निकाला और उसे दिखाते हुए उसके बारे में लड़की को बताने लगा।
ऐसा करते हुए मेरी कोहनी लड़की के वक्ष से जैसे किसी चुंबक की तरह चिपक गई।
लड़की कुछ मुस्कुराई और बोली- मैं आपको समय के हिसाब से बिल दूंगी। ये नहीं गिनूंगी कि आपने मुझसे कितने काम लिए।
"मतलब?"
लड़की ज़ोर से हंसी। फ़िर बोली- मतलब ये कि हड़बड़ी मत कीजिए, पहले एक काम निपटाइए फ़िर दूसरा।
"ओह, अच्छा! समझदार हो।" मैं उसका आशय समझते हुए बोला। मैंने उसका कंधा कुछ दबा दिया।
"बी सेफ... और मुझे भी सुरक्षित कर दीजिए।"
मैं लड़की की ओर देखने लगा।
कुछ रुक कर मैंने कहा- ये एक छोटा कैमरा है, तुम्हें इसका प्रयोग करते हुए मेरे लिए एक तस्वीर खींचनी होगी।
"श्योर! क्या ये आपका अंतिम काम है?"
मैं लड़की के सवाल से बेखबर रह कर उसे समझाने लगा- "फ़ोटो यहां नहीं खींचनी है। तुम्हें हनीमून रूम्स वाले विंग में जाकर ज़ीरो जेड विंग में ओ ओ टू... क्या तुम वो विंग जानती हो?"
"वहां मुझे कोई नहीं बुलाता, वहां अपना साथी सब साथ में लेकर ही आते हैं।" लड़की ने कुछ शरारत से कहा।
"तो तुम्हें वो कक्ष सच में नहीं मालूम?"
"अरे बाबा मालूम हैं। मैं लोकल हूं। यहीं रहती हूं। मज़ाक कर रही हूं।"
"अच्छा- अच्छा..". मैं ख़ुश हो गया।
फ़िर मैंने कहा- "देखो, दरवाज़े में जो की-होल है, उसमें से ये कैमरा आराम से फ़ोटो लेगा। तुम्हें कमरे के भीतर नहीं जाना है। बस, की-होल में से ही भीतर का दृश्य क्लिक करके लाना है।"
"भीतर का दृश्य क्या है? क्या वो कमरा ख़ाली है?" लड़की कुछ ऊब चुकी थी, उकता कर ही बोली।
"नहीं, ख़ाली नहीं है, वहां बैड पर कोई होगा। बिल्कुल इस तरह..." कहते हुए मैंने लड़की की दोनों टांगे बिस्तर पर फ़ैला कर सीधी कर दीं।
लड़की किसी आज्ञाकारी बच्चे की तरह बिल्कुल सीधी लेट गई।
"बगल का दूसरा बैड ख़ाली रहेगा?" लड़की ने जिज्ञासा प्रकट की।
"नहीं, उस पर एक आदमी होगा। ऐसे... इस तरह।" मैंने किसी बंदर की तरह लड़की के ऊपर से ही उछल कर दूसरी ओर जाते हुए कहा और मैं दूसरी ओर लेट गया।
"पर की- होल से फ़ोटो लेने पर दूसरी ओर के आदमी का फ़ोटो नहीं आयेगा?" लड़की ने किसी विशेषज्ञ छायाकार की तरह कहा।
"तुम्हें थोड़ा इंतजार करना होगा..." जब वह आदमी करवट लेकर अपनी टांगों को उठा कर इस ओर लाए, अथवा अपना चेहरा उठा कर इस तरफ़ बिस्तर पर लेटे व्यक्ति के मुंह पर झुके...
"ग्रेट! यू नो कि ऐसा होगा?" लड़की बोली।
"ज़रूर होगा। आफ्टरऑल वो हनीमून रूम है"... मैंने कुछ दृढ़ता से कहा। फ़िर उसी तरह पैर मोड़ कर मैंने करवट ली और अपने चेहरे को लड़की के चेहरे पर लाकर दिखाया।
लड़की बोली- "मुझे वहां तक जाने में लगेंगे पौने दो मिनट... फ़ोटो में लगेंगे... वेटिंग टाइम मिला कर कुल चार मिनट... दो मिनट में मेरी वहां से वापसी हो सकेगी, यानी कुल मिलाकर आठ मिनट। आप नौ मिनट मेरे साथ अब तक बिता चुके हैं... अर्थात कुल सत्रह मिनट। मेरा मतलब है कि आपके पास अभी भी लगभग तेरह मिनट का समय और है।"
कहते हुए लड़की की आंखों में चमक आ गई। वह एक स्वच्छंद सी अंगड़ाई ले कर बोली- सोच लीजिए, और कोई काम हो तो वो कर सकते हैं... आपको बिल तो तीस मिनट का देना ही है।
अब चमक मेरी आंखों में आई। मैं उसी तरह लेटा हुआ उसके कुछ और करीब खिसक आया।
लड़की ने फ़िर से कहा- बी सेफ...
कहते हुए उसने अपनी मुट्ठी खोली तो उसकी हथेली पर एक रंगीन... ख़्वाब सा..

