"हां अवंतिका मान गये तुम्हारे जासूसी दिमाग को ।" "हां अवंतिका मान गये तुम्हारे जासूसी दिमाग को ।"
लार्ड मिपन डूंगरपुर के राज परिवार को सम्मान देने की योजना बनाता है लार्ड मिपन डूंगरपुर के राज परिवार को सम्मान देने की योजना बनाता है
उस पर राजन जैसा जासूस सामने था जिसने निर्दोष को सजा मिलने से बचा लिया। उस पर राजन जैसा जासूस सामने था जिसने निर्दोष को सजा मिलने से बचा लिया।
लेखक : अलेक्सांद्र पूश्किन अनुवाद : आ. चारुमति रामदास लेखक : अलेक्सांद्र पूश्किन अनुवाद : आ. चारुमति रामदास
दोनों को अभिनन्दन कहकर रंगा जी वहां से चले जाते हैं। दोनों को अभिनन्दन कहकर रंगा जी वहां से चले जाते हैं।
बंगले पर तैनात पुलिस कॉन्स्टेबल ने उन तीनों को भीतर जाने से रोक लिया! बंगले पर तैनात पुलिस कॉन्स्टेबल ने उन तीनों को भीतर जाने से रोक लिया!