उस पर राजन जैसा जासूस सामने था जिसने निर्दोष को सजा मिलने से बचा लिया। उस पर राजन जैसा जासूस सामने था जिसने निर्दोष को सजा मिलने से बचा लिया।
उसने इसका दूसरा हाथ पकड़ा और उसे बाहर ले आया और चिल्लाकर अमित जी को बुलाने लगा। उसने इसका दूसरा हाथ पकड़ा और उसे बाहर ले आया और चिल्लाकर अमित जी को बुलाने लगा।
इसी के साथ हॉल तालियों की गड़गडाहट से गूँज उठा। इसी के साथ हॉल तालियों की गड़गडाहट से गूँज उठा।
इतना भी नहीं जानूंगी क्या ? और पूरे हाॅल में तालियां गूंज उठीं। इतना भी नहीं जानूंगी क्या ? और पूरे हाॅल में तालियां गूंज उठीं।
(पर्दा गिर और हॉल में तालियों की गड़गड़ाहट गूंजने लगी।) (पर्दा गिर और हॉल में तालियों की गड़गड़ाहट गूंजने लगी।)
जी, नमस्ते महाराजा साहब! आपकी चिंता जायज़ है। जी, नमस्ते महाराजा साहब! आपकी चिंता जायज़ है।