इश्क़ की जंग भाग - 4
इश्क़ की जंग भाग - 4
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दोनों ने handshake किया और फिर क़ायनात ने आइशा के लिए भी ऑर्डर कर दिया। कुछ ही देर में ऑर्डर आ गया। खाना खाकर तीनों अपनी classes में गयी lectures लगाए और फिर घर की तरफ चलीं गयीं। क़ायनात को लेने अयान आया था।
अब आगे :-
SHEIKH PALACE
क़ायनात और अयान गाड़ी से निकलकर बाहर आते हैं और अपने घर के अंदर आते हैं। शेख पैलेस बाहर से जितना खूबसूरत था उससे भी ज्यादा खूबसूरत वो अंदर से था। बड़े - बड़े झूमर, शाही कार्पेट, महँगा फर्निचर कुल मिलाकर सब कुछ ही महंगा था। अंदर हॉल में आमिर जी एक फाइल को हाथों में लेकर अपने सामने खड़े इंसान को घूर रहे थे। वो इंसान उनका PA, श्याम था। आमिर जी अभी श्याम को घूर ही रहे थे कि उनकी नजर दरवाजे से अंदर आती हुई पिंक पलाज़ो सूट में क़ायनात पर पड़ी। क़ायनात और अयान ने जब हॉल में उपस्थित आमिर जी को देखा तो क़ायनात पहले बोली, "अस्लाम माले कूम छोटे अब्बू ।"
फिर अयान भी बोला, "अस्लाम माले कूम अब्बू। "
आमिर जी क़ायनात को ऊपर से नीचे तक देखते हुए कह्ते हैं, "माले कुम अस्लआम!"
क़ायनात ऊपर चली गयी। आमिर जी और अयान बैठकर थोड़ी बिजनेस की बातें करने लगे। क़ायनात जैसे ही अपने कमरे में दाखिल हुई उसने देखा उसके बेड पर कोई लड़का लेटा हुआ है। करीब 6.4 हाइट, काला लोअर डाला हुआ, ऊपर कुछ भी नहीं लेकिन हाँ लड़कियों के लिपस्टिक के निशान जरूर थे, बाल बड़े थे तो चोटी बनाई हुई थी और थोड़ा सा सांवला रंग। वो काफी handsome लग रहा था। उसकी बॉडी भी अच्छी खासी थी। ये थे क़ायनात तीसरे भाईजान असीम। उसने जैसे ही असीम को देखा तो अपना सिर पीट लिया। उसने मन ही मन कहा, "पक्का आज भी छोटी अम्मी के साथ इनकी बहस हुई इसीलिए तो हमारे कमरे में ये दाखिल हुए।"
वो असीम के पास गयी, उसे सूंघा तो उसे काफी ज्यादा शराब की बदबू आयी। उसी वक्त उसके दरवाजे पर ब्लू और ब्लैक कलर के सलवार सूट में एक औरत आयी और कहा, "काया ये कभी नहीं सुधर सकता। "
क़ायनात ने मुड़कर देखा तो उसके सामने उसकी छोटी अम्मी अमीरा खड़ी थीं। उसने जाकर उन्हें गले लगा लिया और कहा, "अस्लआम माले कुम छोटी अम्मी!"
अमीरा बोली, "माले कुम अस्लआम काया! कैसा गया पहला दिन तुम्हारा।"
तो क़ायनात को अक्षय की याद आ जाती है। वो सिर झटकती है और बोलती है कि अच्छा गया और उसे भूख लगी है। तो अमीरा उसके लिए कुछ खाने के लिए लेने चली जाती है। क़ायनात वापिस असीम की तरफ अपना रुख करती है साइड टेबल से पानी का जग उठाकर सारा का सारा पानी असीम पर उड़ेल देती है। असीम हड़बड़ाकर उठा और कहा, "अम्मी! अम्मी! अब्बू! अब्बू! भाईजान! भाईजान! बचाओ! कोई मुझे बचाओ! बाढ़ आ गयी! बाढ़ आ गयी।
क़ायनात ये सुन उसके सिर पे चपत लगाती है और बोलती," ओह हमारे प्यारे भाईजान कोई बाढ़ नहीं आयी। बस ये जग का पानी फेंका था आप पर। "
ये सुन असीम क़ायनात को घूरने लगा। क़ायनात ने जब ये देखा तो वो भी उसे घूरने लगी। असीम उठा और उसे पकड़ने के लिए भागने लगा लेकिन क़ायनात इसके लिए पहले से ही तय्यार थी। वो भी अपने आप के बचाव के लिए भागने लगी। दोनों पूरे घर में भागने लगे। दोनों की आवाजें पूरे घर में गूँज रहीं थीं। भागते - भागते क़ायनात घर के दरवाजे तक पहुँच लेकिन वो किसी से टकरा गयी। जब असीम ने सामने वाले इंसान को देखा तो डर गया। सामने आदिल शेख खड़े थे। क़ायनात का सिर उनके सीने से लगा था। क़ायनात ने जब अपने सामने अपने अब्बू को देखा तो वो भी डर गयी और कांपते होठों से कहा, "अस्लआम माले कुम अब्बू!"
असीम भी बोला, "अस्ल आम माले कुम बड़े अब्बू!"
तो आदिल जी क़ायनात को घूरते हुए माले कुम अस्ल आम कहकर ऊपर अपने कमरे की तरफ बढ़ गए। क़ायनात और असीम ने एक दूसरे की तरफ देखा तो दोनों ही हंस पड़े। अमीरा क़ायनात के लिए खाने के लिए खाना ले आयीं। तो दोनों भाई बहन खाने पर टूट पड़े। घर में इस वक्त आमिर जी नहीं थे। अयान जब नीचे आया तो वो भी उन दोनों के साथ मिल गया और खाना खाने लगा।
DESHMUKH HOUSE
अक्षय अभी - अभी घर पहुँचा था। हॉल में उसके बड़े पापा और दादी माँ बैठीं थीं। उसने जाकर अपनी दादी माँ के पैर छुए फिर बिना किसी भाव के अमित जी पैर छुए। अमित जी और सावित्री जी दोनों ने उसे आशिर्वाद दिया। फिर अक्षय अपने कमरे में जाते - जाते चिल्लाकर बोला, "मम्मा! मेरा खाना मेरे कमरे में दे दीजियेगा।"
उसके बाद वो भाग गया क्यूंकि उसे पता इतने ज्यादा चिल्लाने से अमित जी को गुस्सा आएगा। अमित जी ने जब उसे भागते हुए देखा तो सावित्री जी को अक्षय की शिकायत करते हुए कहा, "देख रहीं हैं माँ आप?! जान बूझ कर वो चिल्लाकर गया। "
तो सावित्री जी हँस के बोलीं," जानती हूं अमित। कुछ नहीं होता कोई पहाड़ थोड़ी टूटा है।"
अमित जी ने कुछ नहीं कहा और अपने कमरे की तरफ बढ़ गए। उधर अक्षय जैसे ही कमरे में पहुँचा, उसने देखा कि उसके कमरे में 20 साल की 5.4 हाइट की लड़की बैठी है। उसने ब्लू कुर्ती के साथ व्हाइट लॉन्ग स्कर्ट डाली हुई थी। उसका चेहरा मुर्झा हुआ था। ये थीं अक्षय की सौतेली बहन अंजना। अक्षय ने जैसे ही उसे देखा वो बोला, "अंजू क्या हुआ? तेरा चेहरा क्यू मुर्झा है?"
तो अंजना ने उदास स्वर में कहा, "अक्षय भाई बड़ी माँ ने मेरा हाथ आज गर्म-गर्म चाय डूबा दिया।"
ये कह्ते हुए उसने अपना हाथ उसके सामने कर दिया। अक्षय ने जब ये देखा तो उसे बहुत गुस्सा आया। अंजना के हाथ पर जलने के निशान थे। उसने इसका दूसरा हाथ पकड़ा और उसे बाहर ले आया और चिल्लाकर अमित जी को बुलाने लगा।
Continued.....

