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Navpreet Kaur

Drama Romance

4  

Navpreet Kaur

Drama Romance

इश्क़ की जंग भाग - 9

इश्क़ की जंग भाग - 9

6 mins
199

गतांक से आगे :-

SHEIKH PALACE

क़ायनात कबीर की पैकिंग करके फ्री हुई ही होती है कि उसे श्रेया का कॉल आ जाता है। वो कॉल उठाती है तो सामने से श्रेया बोली, "क़ायनात क्या तू मुझे अभी के अभी CAFE LOTA में मिल सकती है। मैंने वहां आयशा को भी बुलाया है। मुझे तुम दोनों से कुछ ज़रूरी बात करनी है।"

क़ायनात बोली, "ओके श्रेया मैं पहले अपने घर में पूछती हूं इन्तेज़ार कर मेरा।"

श्रेया हम्म कहकर फोन काट देती है। क़ायनात अपने अब्बू सके कमरे में जाती है। उसके अब्बू कुछ फाइल वर्क कर रहे थे। क़ायनात ने डरते हुए कहा," अ.... अब्.... अब्बू!!!!! "

तो आदिल जी उसकी तरफ देखते हैं और आंखों से ही इशारा करते हैं क्या हुआ। तो क़ायनात एक ही साँस में बोल पड़ी, "अब्बू हमारी फ्रेंड ने हमें cafe lota में बुलाया है उसे मुझसे कोई जरूरी बात करनी है तो आपसे पूछने आए हैं कि क्या हम जा सकते हैं!? "

इतना बोल वो हांफने लगती है तो आदिल जी उसे पास में पड़ा पानी देते हैं। क़ायनात पानी पीती है और आदिल जी की तरफ देखती है। आदिल जी बोले," ठीक है जाइए। लेकिन अभी 6 बज रहे हैं तो असीम, अयान या कबीर को ले जाइए और 8 बजे तक घर आ जाइएगा। "

क़ायनात ने हाँ में सिर हिलाया और खुशी से दौड़ते हुए भाग गयी। उसे ऐसे भागते देख आदिल जी मुस्करा पड़े। क़ायनात ने कपड़े बदलकर रेड कुर्ती के साथ ब्लू जीन्स डाल ली। बालों की चोटी कर ली। वो असीम के कमरे में गयी तो देखा कि असीम फोन में घुसा हुआ है, अयान एक कॉन्फ्रेंस कॉल पर है और कबीर फाइल में डूबा हुआ है। तो क़ायनात ने अलमारी से एक white टी शर्ट और ब्लू जीन्स निकाली। तीनों भाई उसे देख रहे थे और सोच रहे थे कि ये किसके लिए निकाला गया है। क़ायनात ने तीनों को देखा और मुस्कराते हुए असीम को कपड़े पकड़ा दिए। असीम ने कपड़े लिए वॉशरूम में जाकर कपड़े बदले और बाहर आकर कहा, "बोलिए शहजादी कहाँ जाना है?"

तो क़ायनात बोली, "Cafe lota"

असीम हैरान होकर बोला, "इस वक्त! पहले बड़े अब्बू से पूछना पड़ेगा और वो मना..........."

क़ायनात उसकी बात के बीच में बोली, "मैं उनसे पूछकर ही आ रही हूँ और उन्होंने इजाज़त दे दी है तो क्या आप थोड़ी तकलीफ़ करेंगे मुझे छोड़ने में। लेने भी आना है वो आप तीनों डिसाइड करो।"

तीनों ने एक दूसरे की तरफ देखा और आँखों से ही इशारा किया। तो असीम बोला," ठीक है! मैं आपके साथ वहीं रहूंगा।"

क़ायनात बोली," ठीक है! आपकी मरज़ी! पर पहले यहां से तो चलें। "

असीम ने हाँ में सिर हिलाया और दोनों बाहर कार की तरफ चले गए। कार में बैठकर असीम ने ड्राइविंग सीट संभाली और ड्राइव करने लगा।

CAFE LOTA

क़ायनात भागी-भागी आयशा और श्रेया के टेबल के पास पहुंची और कहा, "I am sorry!"

वो दोनों मुस्करा दी तो क़ायनात भी मुस्करा दी। श्रेया ने उसे बैठने को कहा और वेटर को बुलाया और 3 cappuccino का ऑर्डर दिया। श्रेया बोली, "सुनो!" 

तो क़ायनात और आयशा शरारती लहजे में बोलीं, "सुनाओ!" 

इतना बोल दोनों एक दूसरे को देख हँसने लगे। श्रेया ने मुँह बना लिया तो क़ायनात बोली, "सॉरी! सॉरी! जल्दी बता जो बताने के लिए बुलाया है हम दोनों को वो भी urgently!" 

तो श्रेया बोली, "मेरी दीदी की शादी हो रही है.............." 

इतना उसने बोला ही था कि क़ायनात और आयशा एकसाथ बोलीं, "congratulations............!!!!!!!" 

तो श्रेया बोली, "thank you! Thank you..........." 

वो दोनों फिर से एक साथ बोलीं, "Welcome..........!!!!!!!" 

अब श्रेया को गुस्सा आ गया, वो बोली, "बस करो यार मुझे कुछ बोलने ही नहीं दे रहे। अब मैं बोलूंगी और तुम दोनों सुनोगी।" 

दोनों ने हाँ में सिर हिलाया। तो श्रेया ने वापिस बोलना स्टार्ट किया, "मेरी दीदी की सगाई परसों है तो........" 

अभी वो बोल ही रहीं थीं कि वेटर आया उनका ऑर्डर रखते हुए बोला, "मैम आपका ऑर्डर! "

अब श्रेया उस वेटर को घूरने लगी और क़ायनात और आयशा मुँह दबाकर हँसने लगीं। श्रेया ने वेटर को कहा, "अब क्या यहीं पर रहना है जाओ। (वेटर चला गया और श्रेया ने अपना रुख क़ायनात और आयशा की तरफ करके कहा) मेरी दीदी की सगाई परसों है तो मैं कल छुट्टी लुंगी। तुम दोनों को भी इस सगाई में आना होगा। और क़ायनात मैं तेरा कोई बहाना नहीं सुनूंगी।" तुम दोनों को आना ही होगा वर्ना मैं तुम दोनों से बात नहीं करुँगी।" 

क़ायनात बोली, "यार अब्बू को मनाना मुश्किल है और वैसे भी कबीर भाईजान शिमला जा रहे हैं तो मेरा आना मुश्किल है क्यूंकि भाईजान मेरी जगह अब्बू को मना सकते थे और वो भी जा रहे हैं।" 

तो आयशा बोली," कुछ नहीं होता! मैं देख लुंगी तेरे अब्बू को। "

क़ायनात ने बोला, "ठीक है!" 

अभी श्रेया वापिस कुछ बोलने ही वाली थी कि क़ायनात का फोन बजा, असीम का नाम फ्लैश हो रहा था, तो श्रेया ने उसे घूरा। क़ायनात ने उसे अपने मोतियों जैसे दांत दिखाए, श्रेया ने मुस्कुराते हुए पलकें झपका दीं। क़ायनात ने फोन उठाया और साइड में जाकर बात करने लगी। असीम बोला, "काया आपको क्या वहां पर अपने लिए शौहर मिल गए?" 

क़ायनात हैरान होते हुए बोली, "क्या मतलब है भाईजान!" 

तो असीम चिढ़ कर बोला, "तो और क्या इतना वक्त तो निकाह करने में भी नहीं लगता जितना आपको आपकी फ्रेंड से बात करने में लग रहा है। ज़रा अपनी नज़रें अपनी घड़ी पर डालिए। 7:45 हो रहे हैं। अगर हम 15 मिनट में घर नहीं पहुँचे तो आप जानती हैं न हमें जाते ही बड़े अब्बू का लेक्चर सुनने को मिलेगा। "

क़ायनात बोली," सॉरी भाईजान! मैं अभी आई। आप पार्किंग से गाड़ी निकालिये हम आ रहे हैं। "

असीम बिना कुछ बोले फोन काट देता है। क़ायनात भागकर टेबल के पास आती है और बोलती है," सॉरी यार! हमें जाना होगा। बाइ! "

इतना बोल वो वहां से भाग गयी और श्रेया उसे आवाज़ लगाती रह गयी तो आयशा बोली," क्या हुआ? "

श्रेया बोली," यार इसे एक और बात बतानी थी कि वहां हमारा वो सीनियर अक्षय देशमुख भी आएगा क्यूंकि वो लड़के जा भाई है।" 

ये सुन आयशा की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गयी। वो दोनों ही जानती थी कि क़ायनात अक्षय से नफरत करती है। आयशा बोली, "मैं इसे कल कॉलेज में जाकर बता दूँगी।" 

श्रेया ने हाँ में सिर हिलाया। और वो दोनों भी वहां से अपने - अपने घर को चल दीं। 

सगाई का दिन 

DESHMUKH HOUSE

पूरे घर में चहल पहल थी। अक्षय भी सबकी मदद कर रहा था सिवाय शिल्पा जी के। सावित्री जी बोलीं," अक्षय आप हमारी साड़ी ले आयेंगे? वो हमने dry cleaning के लिए दी थी लेकिन उनका कोई भी लड़का फ्री नहीं है जो ले आए।" 

अक्षय हाँ में सिर हिलाकर बाइक की चाबी लेकर बाहर आता है और बाइक को सीधा वहां खड़ा करता है। वो दौड़ते हुए अंदर आकर वहां खड़े आदमी को किसी लड़की से लड़ते हुए बोला," सर दादी की साड़ी दे दीजिये। "

उस आदमी ने उस पर ध्यान नहीं दिया और दूसरी लड़की से लड़ने में लगा रहा। अक्षय अपनी घड़ी ठीक कर रहा था कोई जवाब ना मिलने पर उसने सिर उठाकर उस आदमी को चिल्लाकर कहा, "सर मैं सावित्री देशमुख जी की साड़ी लेने आया हूं।" 

उसके इतने चिल्लाने से साथ में खड़ी लड़की जो उसे आदमी से लड़ रही थी कहा, "आपको खुदा ने ऊपर का हिस्सा नहीं दिया................. आप!" 

अक्षय भी बोला, "आप............!!!" 

वो लड़की क़ायनात थी। आदमी ने अक्षय को उसकी साड़ी थमाई तभी आदिल जी अंदर आते हुए बोला," क़ायनात हमने आपके लिए कुछ और सिलेक्ट किया है। कुछ नहीं होता अगर इन्होंने उस गाउन को dry clean नहीं किया ।"

क़ायनात बोली," जी अब्बू!" 

क़ायनात उस आदमी को घूरते हुए चली गयी। अक्षय उस आदमी से बोला, "क्या हुआ सर?" 

तो वो आदमी बोला, "कुछ नहीं छोटे देशमुख साहब! इस लड़की ने कल दोपहर को एक गाउन दिया था dry clean के लिए। अब इतनी जल्दी कैसे करते? बाकी कस्टमर के भी देखने पड़ते हैं।" 

अक्षय ह्म्म कहकर बाहर आता है और देखता है कि क़ायनात जा चुकी है। वो मन ही मन बोला," जैसी दिखती है वैसी है नहीं। "

CONTINUED................ 


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