इश्क़ की जंग भाग - 7
इश्क़ की जंग भाग - 7
सुबह 8:15 बजे
क़ायनात अभी उठी थी। जैसे ही उसने समय देखा कि 8:15 हो रहे हैं तो वो भाग पड़ी। वो जल्दी - जल्दी रेडी होने लगी लेकिन उसके ये कमबख्त लम्बे बाल ने तो जैसे ठान ली थी कि उसे लेट करके ही छोड़ेंगे। जितना क़ायनात अपने बालों को सुलझाने की कोशिश करती उतनी ही उलझाने बढ़ जातीं। पीछे दरवाजे पर खड़ा कबीर बोला, "आराम से करो काया। इतनी भी क्या जल्दी है आपको।"
तो क़ायनात खीझकर कबीर को आईने से घूरते हुए बोली, "भाईजान अगर आप हमारी मदद नहीं कर सकते तो कम से कम ताना तो मत मारिये। आगे ही इन बालों के कारण परेशान हैं ऊपर से आप भी ताना मार रहे है। मन तो कर रहा है कि बाल ही कटवा लें। "
ये सुन कबीर तपाक से बोला," नहीं! आप बाल नहीं कटवाएंगी। हम जा रहे है। न जल्दी आना और आज आपको कॉलेज असीम छोड़ेगा। "
ये बात बोल बिना क़ायनात की बातें सुन वो वहां से चला गया। और क़ायनात वापिस बालों को सुलझाने लगी लेकिन अंत में बाल थोड़े बहुत सुलझे तो क़ायनात ने साइड से बालों के दो रोल किए और उन्हें क्लिप के सहारे बालों में ही बांध दिया। और बाकी के सारे बाल उसने खुले छोड़ दिए। आज उसने व्हाइट कुर्ते के साथ हरी सलवार डाली थी। कुर्ता बंद कॉलर वाला था तो दुपट्टा नहीं था। उसने किताबें पकड़ी और जब वापिस समय देखा तो 9 बज चुके थे तो इसने बिना नाश्ता किए असीम को घसीटते हुए ले गयी। जैसे क़ायनात असीम को घसीटते हुए लेकर जा रही थी सलमा जी, अमीरा जी, कबीर और अयान हंस पड़े।
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आज अक्षय के घर पर बहुत चहल पहल थी क्यूंकि आज अमित जी के बड़े बेटे अनिल के लिए लड़की वाले देखने आ रहे थे। इसीलिए शिल्पा जी अपने मायके अभी नहीं गयी थी बल्कि वो आज शाम को जाएंगी। अक्षय कॉलेज के लिए रेडी होकर जैसे ही नीचे आता है तो अंकुर उसे देख सीटी बजा देता है। अक्षय ने ग्रे हूडी साथ में ब्लैक जीन्स डालीं थी। वो काफी क्यूट लग रहा था। अक्षय ने अंकुर को घूरते हुए कहा, "अंकुर तू सीटी क्यूँ मार रहा है?"
तो अंकुर बोला, "अक्षय भाई आप मुझे यह बताओ की आप किस पर बिजली गिराने जा रहे हो इतने क्यूट बनकर।"
तो अक्षय स्टाइल से अपने बालों में हाथ फेरते हुए कहता है, "अंकु तेरे भाई को क्यूट बनने की जरूरत नहीं क्यूंकि वो है ही क्यूट। "
ये सुन अंकुर मुँह बनाकर चला जाता है। अक्षय आकर सावित्री जी के पैर छुता है और जाने ही लगता है कि सावित्री जी बोलीं," अक्की आप आज मत जाओ बेटा। आज आपके बड़े भाई को लड़की वाले देखने जा रहे हैं। "
तो अक्षय ने बहाना मारते हुए कहा," दादी आज बहुत ही जरूरी क्लास है तो मुझे जाना होगा सॉरी।"
ये कहकर बिना किसी की बात सुने वो भाग जाता है और बाइक स्टार्ट करके भगा ले जाता है। अक्षय बाइक चलाते हुए बोला," यार मुझे इतनी बेचैनी क्यूँ हो रही है उसे देखने की। वो अभी तो आयी है। रात को भी इसके कारण अच्छे से सो नहीं पाया। ओ गॉड! ये क़ायनात तो मेरी क़ायनात ही खराब कर देगी।"
अभी वो यह सब बोल ही रहा था कि आगे रेड सिग्नल आ गया तो उसने बाइक रोक ली। उसने अपने राइट में नजर घुमाई तो उसके राइट साइड क़ायनात की कार थी। वो असीम के साथ आगे की सीट पर बैठी थी। असीम ड्राइविंग सीट पर था। क़ायनात के बाल उसके मुँह पर आ रहे थे जिन्हें वो बार - बार पीछे कर रही थी। अक्षय to उसमें खो ही गया। उसे पता ही नहीं लगा कि ग्रीन सिग्नल हो गया। क़ायनात की कार भी वहां से धूल उड़ाते हुए चली गयी। लेकिन अक्षय अभी भी वहीं देख रहा था। उसको तो होश आज आता ही नहीं अगर उसके पीछे के वाहन हॉर्न बजाकर उसकी तन्द्रा ना तोड़ते। अक्षय ने भी अपनी बाइक की स्पीड बढ़ायी और भाग गया।
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क़ायनात से पहले अक्षय पहुँच चुका था। जैसे ही क़ायनात अक्षय के पास से गुजरने लगती है, अक्षय ने अपनी कोहनी नमन के कन्धे पर रखकर क़ायनात को देखते हुए कहा :-
"देखने का जुनून और
भी गहरा होता है,
जब तुम्हारे चेहरे पर
बालों का पहरा होता है।"
सब लोग वाह! वाह! करते हैं और अक्षय क़ायनात की तरफ देखकर मुस्करा रहा होता है। क़ायनात को उसका यूं देखना अजीब लगता है तो वो वहां से सीधा क्लास में जाती है। क्लास में वो देखती है कि आयशा और श्रेया बातें कर रहीं हैं। दोनों उससे मिलती हैं। फिर उन लोगों की क्लास शुरू हो जाती है।
क्लास लगाने के बाद क़ायनात बोली, "गायज़, चलो कैन्टीन चलते हैं। आज मैंने ब्रेक फास्ट भी नहीं किया जल्दी - जल्दी में।"
तो दोनों उसके साथ चलती हैं। जैसे ही तीनों कैन्टीन में एंट्री लेते हैं सब लड़कों की निगाहें क़ायनात पर आ जाती है। क़ायनात ने जाकर 1 वेज चीज़ सैंडविच, 2 नौन वेज बिरियानी, 2 कॉफी और 1 चाय का ऑर्डर दिया। आकर आयशा और श्रेया के साथ बैठ जाती है। उन्हीं के पास के टेबल पर अक्षय का ग्रुप बैठा हुआ था और अक्षय क़ायनात को ताड़ रहा था। ये आयशा ने देख लिया और थोड़ी ऊँची आवाज में कहा ताकि अक्षय भी सुन सके, "लगता है सब लोग कबीर भाईजान की धमकी भूल गए क़ायनात। पर कुछ नहीं होता। मैं हूँ न। मैं कबीर भाईजान को बता दूंगी।"
ये सब लोगों ने सुन लिया था तो सब लोग डर के मारे इधर - उधर देखने लगे। क़ायनात को कुछ समझ नहीं आया तो उसने कुछ नहीं कहा। तभी उनके टेबल पर उनका ऑर्डर आया तो तीनों ने वो खाया और बिल भर कर बाहर आ गयीं। उनकी next class dissection Hall में थी तो तीनों वहां चलीं। क्लास लगाकर दोनों बाहर पार्किंग में आ गईं। अभी क़ायनात आयशा और श्रेया के साथ खड़ी होकर असीम का इन्तेज़ार कर ही रही थी कि उनके सामने एक लड़का आ गया। 6.1 कद, बालों को जेल से सेट किया हुआ, ब्लू शर्ट साथ में व्हाइट ripped jeans, हरी आंखें। कुल मिलाकर एक गबरु जवान मुंडा। उसने अपना हाथ क़ायनात की तरफ बढ़ाते हुए कहा, "हैलो! मेरा नाम पीयूष है। Can we be friends?"
अभी उसने इतना बोला ही था कि किसी ने उसका हाथ कसकर पकड़ लिया। जब उसने उस इंसान को देखा तो आंखें बड़ी हों गयीं। क़ायनात और आयशा उस इंसान को देखकर मुस्करा रहीं थीं और श्रेया उसकी पर्सनैलिटी पर फिदा हो गयी थी। वहां पार्किंग में अक्षय का ग्रुप हुई था। रॉनी अक्षय से बोला, "यार ये कौन है जिसने पीयूष का हाथ पकड़ा क़ायनात की जगह। कहीं इन दोनों का कोई चक्कर तो नहीं।"
अक्षय को रॉनी की बात को बहुत बुरा लगा। जिस लड़के ने पीयूष का हाथ पकड़ा था वो था अयान। अयान ने दूसरे हाथ से क़ायनात का हाथ पकड़ा और उसे चूम लिया। ये देख अक्षय का खून खौल उठा। उसका मन किया कि उसके होंठ ही जलाकर राख करदे। श्रेया को भी काफी बुरा लगा लेकिन उसने अपने चेहरे पर जाहिर नहीं होने दिया। अयान ने उसका हाथ छोड़ा और ऊंची अवाज में कहा ताकि कोई इसे गलत ना समझे और सबको पता लग जाये कि वो कौन है, "मैं हूँ क़ायनात का सबसे बड़ा भाईजान अयान आमिर शेख।"
ये सुन श्रेया और अक्षय के चेहरे पर सुकून के भाव थे। अयान पीयूष से बोला, "अगर तू क़ायनात के आसपास भी भटका तो तेरा वो हश्र होगा कि देखने वाले की भी रूह कांप जाएगी।"
ये सुन पीयूष वहां से भाग गया। अयान ने क़ायनात का हाथ पकड़ा और उसे ले गया। क़ायनात ने पीछे मुड़कर श्रेया और आयशा को बाइ किया।
CONTINUED.......................

