इश्क़ की जंग भाग - 8
इश्क़ की जंग भाग - 8
गतांक से आगे :-
अयान ने क़ायनात को कार में बिठाया और ड्राइविंग सीट पर आकर ड्राइव करने लगा। अयान अभी भी गुस्से में था। वैसे अगर उसकी जगह कबीर या असीम होते तो उन दोनों का भी यही रिएक्शन होता। तीनों को ये मंजूर नहीं कि कोई क़ायनात को छुए। तीनों भाई जान छिड़कते हैं क़ायनात पर। और ये बात क़ायनात अच्छे से जानती थी। अयान का हाथ गेयर पर था तो क़ायनात ने अपना हाथ उसके हाथ पर रख दिया। अयान ने उसकी तरफ देखा तो क़ायनात ने उसकी तरफ मुस्कराकर पलकें झपका दीं। अयान के होंठो पर भी एक हल्की से मुस्कराहट आ गयी। गाड़ी सीधा शेख पैलेस पर रुकी।
देश मुख हाउस .....
अक्षय जैसे ही घर पहुँचा तो देखा कि सब लोग किसी टॉपिक पर बातें कर रहे हैं। तो उन्हें इग्नोर करके अक्षय अंजना को ऊपर आने आने का इशारा कर ऊपर चला गया। अंजना ऊपर पानी का गिलास लेकर आयी। अक्षय ने पानी पिया। और पूछा, "भाभी कैसी है?"
तो अंजना ने मुस्कराकर कहा, "भाई भाभी तो बहुत सुन्दर है। आपको पता है उन्हें भी कथक आता है। सच में वो बहुत अच्छी है।"
अंजना को मुस्कराते देख अक्षय भी मुस्करा पड़ा। अक्षय ने अपने जूते उतारते हुए कहा, "वैसे भाभी का नाम क्या है?"
तो अंजना ने कहा," शीतल! शीतल जैन!"
अक्षय बोला, "हम्म! उम्मीद करता हूं कि नाम की ही तरह हो वो भी। "
अंजना बोली," भाई हाँ सच एक और बात। जो उनकी छोटी बहन है न वो आप ही के कॉलेज में पढ़ती है।"
अक्षय बोला, "क्या.....!!!????
अंजना बोली, "हाँ! उनका नाम है श्रेया! "
श्रेया का नाम सुन अक्षय अपने दिमाग पर जोर डालने लगा। फिर उसे याद आया कि श्रेया तो क़ायनात की फ्रेंड है। वो वापिस क़ायनात की आंखों में डूब गया अपनी सोच में। अक्षय को गुम देख अंजना बोली," भाई ओ भाई! कहाँ खो गए आप? वैसे आपको बता दूँ कि आपको 2 दिनों की छुट्टी लेनी होगी क्यूंकि परसों सगाई है। तो तैयारियां भी करनी हैं। इसीलिए ताई जी कहीं नहीं गयीं।"
अक्षय ने हाँ में सिर हिलाया। अंजना बाहर चली गयी। और अक्षय नहाने चला गया।
शेख पैलेस ......
क़ायनात घर पहुँचकर सीधा अपने कमरे में गयी। आज असीम उसके कमरे में नहीं था। उसने चेंज किया और अपनी अम्मी के कमरे में चली गयी। वहां पर अमीरा जी भी थीं। क़ायनात बोली, "अस्ल आम माले कुम अम्मी और छोटी अम्मी।
अमीरा की और सलमा जी ने भी जवाब में माले कुम अस्ल आम कहा। अमीरा जी क़ायनात के लिए खाने को कुछ लेने चलीं गयीं और क़ायनात सलमा जी गोद में सिर रखकर लेट गयी। तभी कमरे में आदिल जी आए। उन्हें देखते ही क़ायनात खड़ी हो गयी और कहा, "अस्ल आम माले कुम अब्बू।"
आदिल जी भी बिना भाव के बोले, "वाले कुम अस्ल आम।"
तभी कमरे में कबीर आया। कबीर ने आते ही क़ायनात को ऊपर से नीचे देखा। फिर उसने उसे गले लगाया। आदिल जी, सलमा की और क़ायनात कबीर की इस हरकत से हैरान थे। कबीर बोला, "आप ठीक तो हैं न क़ायनात? "
कबीर के ऐसे पूछने पर आदिल जी का मन भी घबरा गया। वो भी क़ायनात का जवाब सुनने के लिए आतुर थे। क़ायनात बोली, "हाँ भाईजान हम तो बिल्कुल ठीक हैं। पर आपको क्या हुआ? आप क्यूँ इतने चिंतित हैं।"
कबीर और आदिल जी उसका जवाब सुन थोड़े निश्चिंत थे। लेकिन आदिल जी क़ायनात को ये समझ नहीं आया कि कबीर उससे ये सवाल क्यूँ पूछ रहा है। तो आदिल जी बोल ही पड़े, "कबीर हुआ क्या है? आप क़ायनात से ऐसे क्यूँ पूछ रहे थे? "
तो कबीर ने वो सब बता दिया जो अयान ने बताया कि कॉलेज में क्या हुआ (पीयूष वाली बात)। ये सुन आदिल जी को बहुत गुस्सा आया पर उन्होंने दिखाया नहीं। आदिल जी सबका उस बात से ध्यान हटाने के लिए कबीर से बोले, "कबीर आप अभी तक शिमला नहीं गए। आप जानते हैं न कि वो डील हमारे लिए कितनी ज़रूरी है?"
तो कबीर बोला, "जी अब्बू हम जानते हैं कि वो डील बहुत जरूरी है पर क़ायनात से बढ़कर नहीं।"
आदिल जी कबीर का अपनी बहन के प्रति इतना प्यार देख बहुत खुश हुए लेकिन चेहरे पर आने नहीं दिया। वो बोले," कबीर आप जाएंगे शिमला। और जहां तक बात है क़ायनात की हम उन्हें पिक भी करेंगे और ड्राप भी। "
आदिल जी की यह बात सुन तो तीनों दंग रह गए। और पीछे खड़ी अमीरा जी जिनके हाथो में खाने की प्लेट थी वो भी छुट गयी। प्लेट के टूटने की अवाज सुनकर सब उस तरफ देखने लगे तो अमीरा जी ने माफ़ी मांगी और नौकरानी को कहकर साफ़ करने को कहा, खुद भी दूसरी प्लेट लेने चलीं गयीं। आदिल जी की बात मानकर कबीर बोला, "ठीक है अब्बू। खुदा हाफ़िज़! (क़ायनात की तरफ देखकर) हमारी packing कर दीजिए 4 दिनों की।"
क़ायनात हाँ में सिर हिलाती है। और दोनों भाई बहन चले जाते हैं।
CONTINUED...................

