manish shukla

Horror

4.3  

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Horror

शीशमहल जिंदा हो गया

शीशमहल जिंदा हो गया

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रात कुछ ज्यादा ही घनी हो गई थी। जगदीशपुर कोई बड़ा शहर तो था नहीं कि पूरी रात चलता रहे। चारों ओर सन्नाटा और सुनसान सड़क रोशन पर अकेले जा रहा था। उसको रात गुजरने के लिए एक कमरे की तलाश थी लेकिन घनघोर अंधेरे में डूब चुके कस्बे में उसको ठहरने के लिए कोई भी जगह नहीं दिख रही थी, इतने में सामने मोड़ आता है और उसकी नजर एक पुराने से महलनुमा घर पर पड़ती है। उस घर से आ रही मदधम रौशनी उसकी उम्मीद जागती है। वह तेज़ कदमों से जैसे- जैसे आगे बड़ रहा है। उसको हल्की- हल्की आवाजें सुनाई पड़ने लगती हैं। वो तेज़ चाल कदमों के साथ उस पुरानी हवेली के सामने पहुँच जाता है। जिसके बाहर तो अंधेरा है लेकिन अंदर तेज़ रौशनी है। वह गौर से देखता है। उस हवेली पर पुराना सा जंग लगा बोर्ड टंगा है। जिस पर शीश महल थीएटर लिखा है।

रोशन आवाज़ लगाता है। कोई है, भाई कोई है, लेकिन आवाज़ पर कोई उत्तर नहीं मिलता है।

रोशन मन ही मन सोचता है कि “अभी तक तो इस घर से आवाज़े आ रही थी लेकिन मेरे आने के बाद सन्नाटा छा गया लगता है इस घर में रहने वाले सब सो गए है। चलो अंदर चल कर देखता हूँ। शायद रुकने का जुगाड़ बन ही जाए।” 

रोशन दरवाज़ा खोल कर शीशमहल थिएटर के अंदर जाता है। चारों ओर अंधेरा है। रिसेप्शन पर कोई नहीं है। वह यहाँ अपने मोबाइल की टार्च ऑन करता है और हाल के अंदर पहुँच जाता है। हॉल घनघोर अंधेरे से पटा है। मोबाइल की टार्च जलाने की कोशिश करता है लेकिन वो भी ऑन नहीं होती है। वो थोड़ा सा डर जाता है लेकिन हिम्मत करके आगे बढ़ता रहता है। तभी एक कुर्सी उसके सामने आती है और वो उससे टकराकर ‘धम्म’ से कुर्सी पर गिरता है और वहीं बैठ जाता है।

इतने में, सिनेमा हॉल के पर्दे से अचानक रौशनी निकलती है और पर्दे पर फिल्म शुरू हो जाती है। फिल्म में उसको एक अभिनेत्री नजर आती है, जिसको उसने पहले कभी किसी फिल्म में नहीं देखा है। 

लड़की डायलॉग बोलती है। “आ गए रोशन। मुझे पता था। एक न एक दिन तुम ज़रूर आओगे। देखो मैं अब से तुम्हारा ही इंतजार कर रही थी। ”

रोशन पर्दे पर नजर आ रही लड़की के मुंह से अपना नाम सुन कर हैरान रह जाता है। फिल्म की कहानी उसको अपनी ज़िंदगी सरीखी लगती है लेकिन वो इस कहानी को इत्तेफ़ाक मानकर फिल्म का मज़ा लेने लगता है। कुर्सी पर पैर लटकाए हुए काफी देर होने से उसको तकलीफ़ होने लगती है तो वो अपना पैर आगे की कुर्सी पर रखकर फिल्म देखने लगता है। तभी आगे वाली सीट से आवाज़ आती है। “जरा तमीज से पैर रखिए। क्या आपको दिख नहीं रहा है कि आगे भी कोई बैठा है।” रोशन यह सुनकर हक्का बक्का रह जाता है। वह अब तक सोच रहा था कि उस हॉल में अकेला है लेकिन उसके आगे वाली सीट पर कोई लड़की भी बैठी है, यह उसने सपने में भी नहीं सोचा था। रोशन लड़की से सॉरी बोल कर पैर अपनी सीट के अंदर कर लेता है। फिल्म की कहानी आगे बढ़ती है वो देखता है कि फिल्म कि हीरोइन असली में भूत- पिशाच शक्तियों की ज्ञाता एक अघोरिन है जिसको अपनी साधना पूरी करने के लिए अपने पति का रक्त चाहिए। उस रक्त से स्नान करके वो असामान्य शक्तियों को प्राप्त कर सकती है। फिल्म में अगला सीन आता है। अभिनेत्री पति को गहरी नींद में सुला देती है फिर जब वो संतुष्ट हो जाती है तो एक हाथौड़े से अपने पति के सिर पर वार करती है। अचानक वार से उसके पति के सिर से खून की फुहार छूट पड़ती है। तभी पर्दे पर इंटरवल लिखा आता है । धीरे- धीरे हॉल की लाइट जलने लगती हैं। रोशन हॉल में इधर- उधर नजर दौड़ाता है, पूरे हॉल में केवल एक लड़की नजर आती है जो उसके आगे वाली सीट पर बैठी है।

रोशन आश्चर्य में पड़ जाता है वो सोचता है कि उस लड़की से पूछे कि इतनी रात में वो अकेली इस हॉल में फिल्म कैसे देख रही है? रोशन आखिरकार उस लड़की को आवाज़ देता है। “मैडम क्या आप अकेले ही फिल्म देखने आईं हैं। ” लड़की पलटकर रोशन की ओर मुड़ती है। जी हाँ, यह सुनते ही रोशन की चीख निकल जाती है वो हॉल से बाहर भागने की कोशिश करता है। रोशन समझ जाता है कि ये लड़की तो वही थी जो अभी तक फिल्म में अभिनेत्री का अभिनय कर रही थी। वो भागता है लेकिन लड़की ज़ोर से उसके सिर पर वार करती है। उसके सिर से खून के फव्वारे निकलने लगते हैं। वो वहीं रिसेप्शन पर गिर पड़ता है। वो लड़की अपने असली चुड़ैल के रूप में आ जाती है। फिर रोशन के खून से जी भर के नहाती है। रोशन अपनी ज़िंदगी की आखिरी साँसे गिन रहा होता है तब वो चुड़ैल कहती कि "वो उसी का इंतजार कर रही थी। पिछले जन्म में वो हीरोइन बनना चाहती थी और रोशन उसको बहला कर इसी थियेटर में लाया था। यहाँ पर उसकी फिल्म की कुछ दिन शूटिंग भी हुई थी। उसकी फिल्म का हीरो रोशन ही था, लेकिन धोखे से रोशन ने उस लड़की को बेच दिया था। जिसके बाद उस लड़की ने अपनी इज़्ज़त बचाने के लिए इसी थियेटर में आत्महत्या कर ली थी। तब वो यहाँ भटक रही थी। अब रोशन के रक्त से नहा कर उसको असीम सुख मिला है और शक्तियाँ मिल गई हैं। अब वो रोशन के मरने के बाद उसको दोबारा जिंदा करेगी फिर उसके साथ विवाह करके अपनी अधूरी फिल्म को पूरा करेगी।" 


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