लेखक : मिखाइल बुल्गाकव अनुवाद : आ. चारुमति रामदास लेखक : मिखाइल बुल्गाकव अनुवाद : आ. चारुमति रामदास
रौशनी के मन से अब ग्लोब का डर पूरी तरह जा चुका था। रौशनी के मन से अब ग्लोब का डर पूरी तरह जा चुका था।
नव जीवन के संचार के लिए प्रकाश की नई किरण के लिए भगाने तम की काली छाया एक दिया जलाना नव जीवन के संचार के लिए प्रकाश की नई किरण के लिए भगाने तम की काली छाया ...
पापा ने थोड़ी गुस्से भरी आवाज में कहा – "रौशनी तुम्हारे कितने नम्बर आए।" पापा ने थोड़ी गुस्से भरी आवाज में कहा – "रौशनी तुम्हारे कितने नम्बर आए।"
खासकर जिस दिन उन्हें पता चला कि रामू थैलासमिया से ग्रसित है। खासकर जिस दिन उन्हें पता चला कि रामू थैलासमिया से ग्रसित है।
शादी की पचीसवीं सालगिरह अभी कल ही गुज़री थी राहुल और सायशा की ....उसी की पार्टी के लिए समीर आया था .... शादी की पचीसवीं सालगिरह अभी कल ही गुज़री थी राहुल और सायशा की ....उसी की पार्टी ...