Unveiled Secrets संगीता

Crime Inspirational

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Unveiled Secrets संगीता

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साइबर क्राइम

साइबर क्राइम

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सावित्री ,सुबह की भाग दौड़ निपटा कर अखबार के पन्ने ही पलट रही थी। ये उसका रोज़ का ही रूटीन था। दो ही जने थे ,एक मिश्रा जी और दूसरा वो खुद सावित्री।

सुरेश चंद्र मिश्रा यूनियन बैंक के आला अधिकारी हैं,बेटा बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की पढ़ाई के लिए इंग्लैंड गया था।खर्च पढ़ाई का बहुत ज्यादा था,लेकिन सामाजिक प्रतिष्ठा का सवाल था,भेज दिया।सावित्री सीधी साधी गृहणी थी,जैसा कि सभी महिलाओं को कमजोरी होती है ,शॉपिंग ,उसकी भी थी।चूंकि मिश्रा जी ,जहां सभी स्टाफ 6बजे तक निकल जाते, देर रात तक बैठ कंप्यूटर पर डाटा मिलान करते,इसलिए सावित्री को हमेशा उनसे शिकायत बनी रहती, कि वो उसे शॉपिंग पर नहीं ले जाते।

,एक दिन सावित्री की सहेली का फोन आया,सावित्री देख -टेलीविजन पर जो शॉपिंग चैनल है उस पर बड़े अच्छे- अच्छे ऑफर आए हैं,पसंद आए तो बुक करा लियो।मिसेज शर्मा ने अभी नेट की साड़ी बुक कराई है ,और मिसेज वर्मा तो 1000 की 6साड़ियां ली थी,पिछले सोमवार को उनकी साड़ियों का आ भी गईं।

सावित्री ने कहा "तू सच कह रही।इतने सस्ते और घर बैठे,अभी देखती हूं।"

सावित्री ने सास बहू का, मनपसंद शो बीच मे छोड़ा और रिमोट आगे पीछे करके ले आयी शॉपिंग चैनल पर,होम शॉप 18,और स्टार cj पर ,फिर क्या था,आने लगी मनपसंद डील।एक के बाद एक बुक होने लगे ।रोज़ ही गाडियां, सामान की डिलीवरी के लिए खड़ी रहती।

आजकल सावित्री बहुत खुश रहती, अच्छे अच्छे पकवान उसके किचन से निकल डाइनिंग टेबल पर मिश्रा जी जिह्वा को आह्लादित कर उनके उदर में जा रहे थे।

मिश्रा जी को सुखद आश्चर्य भी था कि आजकल सावित्री शॉपिंग के लिए उलाहने भी नहीं दे रही ।समय पंख लगा कर उड़ रहा था।एक दिन सावित्री के मोबाइल फोन पर एक कॉल आयी ।आपने होमशॉप18पर जो खरीददारी की थी ,उसमे आपकी लॉटरी निकली है, जिसमे इनाम के तौर पर दिया जा रहा है, 5लाख कैश,या एक स्कॉर्पियो ।मैडम आप क्या लेना पसंद करेंगी ,कैश या फिर स्कॉर्पियो।सावित्री खुशी के कारण उछल पड़ी ।उसने तुरंत जवाब दिया ",भाई मेरे को कैश ही दे दो।गाड़ी तो मेरे पास है ही।"

"ठीक है ,मैडम" उधर से आवाज आयी।

"लेकिन मैडम कुछ फॉर्मलिटीज हैं,आप उसे पूरा कर दीजिए तो हम इनाम राशि परसों तक आप के खाते में भेज देंगे।"

"ठीक है जी ,मुझे क्या करना होगा"_ सावित्री ने प्रफुल्लित मन से सवाल पूछा।

उधर से आवाज आयी_"मैडम अपना अकाउंट नंबर बैंक का दीजिए।"

सावित्री तुरंत अपना पासबुक, एटीएम,सब उठा लाई । ( मनुष्य भी तो बड़ा बावरा है,बिना मेहनत ,पसीना बहाए सबकुछ पाना चाहता है।)सावित्री तुरंत लिखवाने लगी ।उसके बाद उसने तुरंत IFSC कोड पूछा । सावित्री से उन्होंने कहा ,- मैडम आपने अकाउंट नंबर तो दे दिया,लेकिन आपके अकाउंट में पैसे जा रहे है,या नहीं इसलिए चेक करने के लिए हम एक लिंक आपको मेसेज कर रहे।आप इस लिंक को खोल ले।सावित्री ने मैसेज में आए लिंक को खोल लिया ,और जरूरी जानकारी साझा कर दी।

फोन कट चुका था। आज सावित्री बहुत खुश थी ,मिश्रा जी आएंगे तो , मैं उन्हे खुशखबरी सुनाऊंगी की घर बैठे मैंने कमाई कर ली।अब जो एजुकेशन लोन लिया था ,राहुल कि पढ़ाई के लिए ,उसे आसानी से चुका दिया जाएगा।एक आध छोटी मोटी जगह घूमने जाएंगे ,मिश्रा जी ने कितने दिन हो गए,बाहर कहीं घुमाया नहीं,कहती रह गई चलो मसूरी घूम आएं ,सुनते ही नहीं थे। चंचल मन, तरह तरह की प्लानिंग इन्हीं चंद मिनटों में कर रहा था।अभी ये सब हुए,मुश्किल से 10मिनट हुए होंगे।

मिश्रा जी का फोन आ गया,सावित्री ने सोचा ,क्या इत्तफाक है,अभी इन्हें फोन करने सोचा ही था,आ भी गया।खुशी से मचलती हैलो, ही कहा था कि मिश्रा जी की गुस्से से आग उगलती आवाज़ सुन ,उसे ठंड के मौसम में गर्मी आने लगी,उसे ऐसा लग रहा था कि अब उसके प्राण निकल ही जाएंगे।

मिश्रा जी ने बताया ,उनके खाते से 2लाख रुपए तेज़ी से निकल गए।

अगर उन्होंने जल्दी ब्लॉक ना कराया होता तो सारी जमा पूंजी जो बेटे को भेजने को रखी थी ,चली जाती । मिश्रा जी एटीएम घर पर रख जाते ,लेकिन डायरी में उसका नंबर लिख रखा था ।

अब बारी थी सावित्री से सवाल की - मिश्रा जी ने पूछा "ये कैसे हुआ ,किसका फोन आया था ,किसने तुमसे जानकारी मांगी।"

सावित्री के होंठ सूख चुके थे,चेहरा पीला पड़ चुका था ,उसने सिलसिलेवार ढंग से सारी बातें बयां की।उस दिन मिश्रा जी जल्दी घर आए और जाकर पास के थाने में मुकदमा दर्ज कराया।जांच साइबर सेल को सौंप दी गई।नंबर को सर्विलांस पर लगाया गया,पता चला ये नंबर झारखंड से किया गया है।

और लोकेशन ट्रेस की गई तो ,जामताड़ा (झारखंड के दुमका जिले )का पता चला।

साइबर सेल के इंस्पेक्टर अपनी टीम के साथ झारखंड रवाना हुए,वहां पहुंच कर उन्होंने स्थानीय थाने से संपर्क किया ,बिना स्थानीय पुलिस की मदद के किसी राज्य में किसी अपराधी को पकड़ नहीं सकते ,इसलिए थाने में इंस्पेक्टर दूबे ने अपना परिचय पत्र दिखाया।और जांच के बारे में बताया।,उन्हें वहां अतिथि गृह में रुका दिया गया।

बातचीत में स्टेशन इंचार्ज (s.o)ने बताया कि यहां पहले भी बहुत से राज्यों की पुलिस टीम आ चुकी है,ये गांव अपराध का पूरा हब बन चुका है।

इंस्पेक्टर दूबे ने कहा , हमें तो अब यहां अपराधी पर नजर रखनी पड़ेगी ,बिना सबूत के तो गिरफ्तार भी नहीं कर सकते।सादे वस्त्रों में पुलिस आस पास गांव में तैनात हो गई,मुखबिर सक्रिय कर दिए गए।इंस्पेक्टर दूबे भी सादी वर्दी में गांव के चक्कर लगा चुके थे,उन्होंने देखा सभी के भव्य पक्के मकान थे। रईसी में ये गांव वाले शहर वालों को पछाडे हुए थे।सारे सुख साधन इस गांव में मौजूद थे।

घेराबंदी और सक्रिय मुखबिरों की कोशिश रंग लाई । मुखबिर ने सूचना दी कि टिंकू मंडल ही है इसका सरगना ,आज वो अपने घर में ही मौजूद है।पता लगते ही थाने की पुलिस सक्रिय हो गई,और अतिरिक्त पुलिस बल भी और थानों से मंगा ली गई।ये सब पूरी तरह से गोपनीय था।रात 2 बजे दबिश देने गई पूरी टीम,और मौकाए वारदात से 6 लोगों सहित टिंकू मंडल को पुलिस ने पकड़ा ।उसके घर से लैपटॉप,दर्जनों अलग अलग राज्य के सिम,मोबाइल फोन,पासबुक,चेकबुक,और महंगी गाडियां बरामद हुई।अखबार में हेडलाइन अगले छपी_ठगी गिरोह का भंडाफोड़ ।

प्रेस वार्ता में उन्हें लाया गया,वहां उन्होंने बताया कि उनके बहुत से साथी हर राज्य में जाते है ,वहां का सिम फर्जी नाम और पते से ले कुछ दिन ,वहां रहते हैं ,फिर वापस अपने गांव आ घटना को अंजाम देते हैं,क्योंकि सिम उस राज्य का होता है ,इसलिए पुलिस उसी राज्य में फर्जी पते और नाम से खोजती है,और फिर निराश होती है।हम ज्यादातर महिलाओं को अपना शिकार बनाते हैं,जब पुरुष अपनी नौकरी पर निकल जाते हैं ,तो हमारा कोई बंदा बैंक वाला,या लॉटरी वाला बन फोन कर फंसाता है।अगर हमें लगता है कि महिला हमारे चंगुल में फंस गई है तो हम उससे धीरे धीरे सारी जानकारी ले ,बैंक अकाउंट साफ कर देते हैं। आवश्यक कार्यवाही कर स्पेशल जज के सामने पेश किया गया,और वहीं से उन्हे जेल भेज दिया गया।

          

पुलिस को बहुत बड़ी सफलता मिली थी,पूरी टीम को सम्मानित किया गया।मिश्रा जी के घर थाने की पुलिस आयी, और उन्हें अपराधी के पकड़े जाने कि जानकारी दी गई और बताया गया कि, कुछ दिनों बाद आपका पैसा ,आपके खाते में आ जाएगा।सावित्री और मिश्रा जी की जान में जान आयी।मिश्रा जी जो कि बैंक में थे ,उनकी पत्नी ने ऐसा किया सभी इस बात से अचंभित थे।उस दिन मिश्रा जी ने पत्नी को समझाया_ "सावित्री भगवान का शुक्र है,की हमारे पैसे हमें मिल जाएंगे,लेकिन एक बात गांठ बांध लो।,कभी भी कोई लॉटरी के नाम पर कोई जानकारी मांगे तो कभी ना देना।तुम्हारे पास कोई लुभावना मैसेज आए लिंक सहित तो कभी लिंक मत खोलना। कोई भी वेबसाइट अगर तुम खोल रही हो ,तो https  देख कर खोलो इस का मतलब सुरक्षित से है।और बैंक वाली की पत्नी होकर भी तुम्हे नहीं पता कि बैंक कभी फोन कर कोई जानकारी नहीं मांगता।समझी मेरी बावरी पत्नी जी।हम जितनी तरक्की कर रहे उतना ही अपराधी हमसे 4कदम आगे होकर अपराध का रास्ता निकाल रहे।"

सावित्री को याद आया ,- "सावधान रहें,सतर्क रहें।"मन की ग्लानि ने उन्हें सिखा दिया आगे से कोई जानकारी बिना पति और जानकार के पूछे बिना , साझा नहीं करना है।

        



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