STORYMIRROR

Sangeeta Aggarwal

Romance Others

3  

Sangeeta Aggarwal

Romance Others

#रंगबरसेशादी के बाद की होली

#रंगबरसेशादी के बाद की होली

3 mins
213

"चलो- चलो सब पायल को हल्दी लगाओ!" बुआ जी बोली।

"नहीं- नहीं मैं हल्दी नहीं लगवाऊंगी!" पायल बोली।

" ये तो लगवानी ही पड़ेगी लाडो सभी लगवाते तू क्या अनोखी है... ! बुआ हँस कर बोली।

" वो क्या है ना जीजी आप तो जानती हो इसे चेहरे पर कुछ लगवाना पसंद नही होली भी आज तक नही खेली ये क्योंकि चेहरे पर रंग पसंद नही!" पायल की माँ सीमा जी बोली।

" अरे रंग और हल्दी में फर्क होवे है...वैसे भी अब ससुराल जायेगी तो क्या रंग गुलाल को मना कर देगी... वहाँ सुनेगा कौन इसकी! " बुआ जी हँसने लगी।

पायल ने बस रस्म के नाम पर जरा सी हल्दी लगवाई...


पायल को बचपन से रंग पसंद नहीं था लगवाना इसलिए होली वाले दिन कमरा बन्द किये बैठी रहती...अब शादी हो रही तो हल्दी से भी इनकार था उसे।

खैर शादी हुई। आप वो राहुल की दुल्हन बन ससुराल के लिए विदा हुई...।! ससुराल में सास - ससुर, दो देवर और पति सब थे।


" इस बार तो भाभी के साथ जम कर होली खेलेंगे!" शादी के कुछ दिन बाद उसका छोटा देवर अनुज बोला।

" नहीं नहीं मैं होली नहीं खेलती!" पायल बोली।

" ऐसे कैसे भाभी... हमने तो आपको पूरा रंगने का प्रोग्राम बना रखा है हम तो खुश थे भाई की शादी होली से महीना भर पहले है तो इस होली मजा आयेगा!" बड़ा देवर रोहन बोला।

" उफ्फ क्या बला है ये होली अब मैं क्या करूँ!" पायल अपने आप से बोली।

" इस बार की होली भाभी अपने पीहर मनायेंगी!" तभी सासू माँ रीता जी बोली।

"क्यों... हमें तो भाभी साथ होली खेलनी है!" दोनों देवर एक साथ बोले।

" बेटा ये रस्म है नई बहु पहली होली अपने पीहर में मनाती है!" सासु मां के इतना कहते पायल की जान में जान आई...! 


होली से चार दिन पहले पायल का भाई उसे लिवाने आ गया और पायल विदा हुई।

" पायल बेटा कोई रंग नहीं लगा रहा तेरे कमरा तो खोल कुछ खा तो ले!" होली वाले दिन माँ पायल से बोली।

पायल कमरे से बाहर आ नाश्ता करने लगी...तभी पीछे से आ किसी ने उसके सिर पर लाल रंग के गुलाल का पूरा पैकेट पलट दिया।

" कौन बतमीज है ये !" पायल गुस्से में जैसे ही पलटी सामने रोहित को देख चुप हो गई। 

"अरे रोहित बाबू आप ऐसे अचानक...बताया भी नहीं!" सीमा जी बोली।

" बता देता तो पायल का ये हैरान परेशान चेहरा कैसे देखता माँ जी!" रोहित हँसते हुए बोला।

" साथ में हम भी हैं आँटी!" तभी पायल के दोनों देवर घर में घुसे।

" आइये आइये सब नाश्ता कीजिये!" पायल के पापा ने कहा।


पायल की हालत तो पहले ही खराब थी गुलाल लगने से उस पर अब ये देवर...उफ्फ कहीं छुप भी नहीं सकती अब तो।


नाश्ते के बाद सब बाहर आ गए...! 

" चलो भाभी होली खेलते है! पायल को साइड में खड़े देख अनुज बोला।

" बस... बस बहुत हो गया!" अनुज के गुलाल लगाने पर पायल बोली।

" अरे अभी कहाँ बहुत !" ये बोल रोहन ने रंग की बाल्टी पायल के उपर उंडेल दी । 

" अच्छा अब तुम बच लो!" पायल दूसरी बाल्टी उठा रोहन के पीछे दौड़ी।


और फिर जम कर पायल ने भी होली खेली क्योंकि आज उसका रंगों से डर जो खत्म हो गया था।

" देखा पायल की माँ पायल को जो लड़की हल्दी लगाने में आना कानी कर रही थी अब रंगों से खेल रही है!" पायल के पापा बोले।

" जी सही कहा ...शादी के बाद लड़कियाँ बदल जाती है ससुराल के रंग में रंग जाती हैं!" पायल की माँ बोली।



Rate this content
Log in

Similar hindi story from Romance