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Sajida Akram

Abstract

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Sajida Akram

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रेंचो

रेंचो

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आज मैं अपनी नातिन को देखती हूं तो लगता है कुछ बच्चे होते ही एक्सट्रा आर्डिनरी होते हैं ! बहुत ही अलमस्त जब देखो ताज़गी  से भरी रहती कभी मैं उदास हो जाऊँ तो क्या- क्या जतन करती है। मुझे हंसाने के लिए बड़ी ही मस्त बेटी है |

रेंचो जिस तरह अपने साथियों को नये- नये तरीक़े से एक्सपिरिमेंट कर के बताता है! 

एक दिन तो उसने गज़ब ही किया अपनी साइंस की टीचर्स को ऑनलाइन क्लास में फौरन कांच के दो गिलास में कलर्स वाला ग्रीन और रेड पानी भर और उस पर तेल डाला टीचर्स बता रही थी कि तेल पानी पर तैरता है। हल्का होता है|वो हम सबको दिखाती रही बहुत सुन्दर- सुन्दर पेंटिंग करना |छोटी बहन को बड़े अच्छे काग़ज के एरोप्लेन बनाकर देना और दोनों मिलकर बाल्कनी से ख़ूब उड़ाती है|

माही का नेचर देख कर लगता है इतनी एनर्जी आती कहाँ से है ? दिन भर शरारतें करना ज़हीन इतनी की हर रोतें हुए को हंसा देती है |नानी तो कभी ख़ामोश नहीं बैठ सकती उसके रहते हुए|रहम दिल भी अभी कुछ दिन पहले अपने सारे छोटे हुए कपड़े पापा के साथ जा कर ग़रीब बच्चों के लिए समाज सेवी संस्था ने जगह-जगह ड्राप बाक्स में रखे थे| वहाँ जाकर खु़द रख कर आई |इतनी प्यारी है |हमारी माही... हमारी "रेंचो" लव यू बच्चा दुआ है हमेशा ख़ुश रहो और ऐसे ही बने रहना अपनी मस्त अदाओं के साथ लव यू.. लव यू... लव यू...! 



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લોગિન

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