मैं गाड़ी निकालता हूँ, तुम नाश्ता कर नीचे आ जाना। मैं गाड़ी निकालता हूँ, तुम नाश्ता कर नीचे आ जाना।
इतनी एनर्जी आती कहाँ से है? दिन भर शरारतें करना ज़हीन इतनी की हर रोतें हुए को हंसा देती इतनी एनर्जी आती कहाँ से है? दिन भर शरारतें करना ज़हीन इतनी की हर रोतें हुए को हं...