रावण प्रसाद
रावण प्रसाद
अपनी बंद फैक्ट्री में वह बैठा था.तभी उसने देखा कि उसके कुछ लोग एक लड़की उठा लाए हैं. उसने अपने लोगों को वहाँ से भगा दिया.अब वहाँ केवल वह और लड़की ही बचे थे.किन्तु उसने लड़की को हाथ भी न लगाया.
लड़की को वह बड़ी-बड़ी मूछों वाला रावण जैसा लग रहा था.अपने पिता की शक्ल पर गए उस व्यक्ति ने अपना नाम खुद ही रखा था.खुद को वह रावण प्रसाद कहता था।