sunanda aswal

Classics

4.5  

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रानी का रहस्य

रानी का रहस्य

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मांडू में रानी रूपमती का किला ...म.प्रे में धार जिले में बसा ....। इंदौर से लगभग 110 कि.मी. दूर ....

दूर एक मैना और तोता की जोड़ी ...उड़ती हुई आती है...दरवाजों से आकर एक जगह बैठ जाती है... ऊंचे बनाए किले की दीवारों के बीच.. घोंसलें के बाहर अपनी भाषा में बात करने लगते हैं...!

मैना फड़फड़ाते हुए आती है," ओ म्यारो यार ,तू म्यारो प्यार ..। जैसी रानी रूपमती से ,राजा बाज बहादुर ..!"

सुन तोता उसके पास आया और बोला,"मैं थार राजकुमार , प्यार...मांडू राजा बहादुर. कुंवर रूपमती से प्यार....!!"

तभी एक कबूतरी बातें सुनती है और कहती है..

"आप दोनों किस की बात कर कर रहे हैं ..मुझे भी रानी रूपमती और राजा बाहदुर की कहानी सुननी है. ..!!"

तोता कहता है यदि, मैंने आपको यह कहानी सुनाई तो आप दूसरे दिन में एक मैनिक्विन बन जाओगीे ..! इस रहस्य को आपको खुद जानोगी तब ,नही बदल पाओगी ..!"

कबूतरी जिद करती है कहती है ," चाहे कुछ भी हो जाए,मुझे कहानी सुननी है...!"

तोता कहता है,"ठीक है ! फिर मैं सुनाता हूं ,और हां एक बात और ,हम भी श्राप मुक्त हो जाएंगे व इस योनी से भी मुक्त हो जाएंगे..!"

तभी मैना बहुत सा दाना दबाकर सामने रख देती है ,और तोता कहानी कहता है...!!

मांडू, धार जिले की विंध्यांचल पहाड़ी से २००० फीट की ऊंचाई पर स्थित खूबसूरत जगह ..!

राजा बाज बहादुर ,अपनी रानी रुपमती से बहुत प्रेम करते थे ..उन्होंने उसके लिए ३५,०० फीट की ऊंचाई पर विंध्याचल पहाड़ी पर किला बनवाया ,उसका नाम "रानी रूपमती किला रखा"..! वह रानी को बहुत प्रेम करते थे..! उनके किस्से पीढ़ी दर पीढ़ी प्रचलित हुए ,जो इतिहास में दर्ज हैं..!

कहते हैं रानी नर्मदा नदी को देखे बिना भोजन ग्रहण नहीं करती थी...इसलिए किले का वास्तु इस प्रकार तैयार किया गया कि,रानी को महल से ही नर्मदा नदी के दर्शन हो सकें..! यह राजा के प्रेम की अद्भुत मिसाल थी ...!

उधर मांडू की वादियों में कोई घूमने भी जाता तो ह्रदय वहीं का हो जाता था..! राजा ने किले में प्रवेश के लिए बारह दरवाजे लगवाए थे...जिनकी आपस की दूरी अत्यधिक थी ..!

शाहजहां मांडू की खूबसूरती व रानी रुपमती किले को देखना चाहता था ,क्योंकि रानी के किले से सम्पूर्ण मांडू को देखा जा सकता था..!

परंतु उसके लिए पहले राजा बाज बहादुर के महल से गुजरना पड़ता था...और दूसरी बात पहले दरवाजे का मुख्य द्वार दिल्ली से खुलता था...जिस कारण यह असम्भव ही लग रहा था...!

राजा का प्रेम था रानी के लिए लिए भव्य किला निर्माण ..उनको नर्मदा के दर्शन किले से करवाना व अपने महल से होकर रानी का किला तैयार करवाया, सच्चे प्रेम का प्रतीक ...और इस अद्भुत कहानी को आज भी याद किया जाता है..और हमेशा रहेगा...!

कहकर तोता चुप हो गया ..!!

अगले दिन की प्रतीक्षा कर तीनों ही एक कोटर में बैठे थे...! तभी ,कबूतरी मैनिक्विन में बदल गयी...!

इस जीवन से मुक्त होकर,तोता और मैना ने भी अपने प्राण त्याग दिए...!

दो प्रेमियों की देह तो समाप्त हो गई ...परंतु सांचे प्रेम की कहानी सदा चलती रही....!

इस कहानी को सुनाने के लिए मिस. मैक्विन तैयार थी...अगला कौन सुनता है....देखें....??!!! 

शाम का आगमन हुआ.. सूरज विंध्यांचल की पहाड़ी की ओर, अस्त होने जा रहा था...उस जंगल के पंछी शोर करते हुए जा रहे थे.. !! नर्मदा कलकल बह रही थी..!

तभी महल के प्रांगण में आहट हुई , मिस.मैनिक्विन तैयार हैं...कहानी सुनाने ...!

अगला कौन...???!!



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