प्यार का ताला
प्यार का ताला
किसी ने उसे बताया था कि नीली पहाड़ी वाले मंदिर से सटी रेलिंग पर यदि अपने प्रेमी के नाम के संग अपने नाम का ताला लगा दें तो प्रेम हमेशा के लिये सुरक्षित हो जाता है।
अभी नवीन को कोमल से मिले हुए मात्र 3 महीने ही हुए हैं, लेकिन उसे ऐसा लगता है कि कोमल से उसका नाता पिछले कई जन्मों का है।
छोटे से शहर से शुरू हुई प्रेम कहानी अब बड़े शहर की चकाचौंध में जा फँसी है, अब कोमल भी ऊँची शिक्षा प्राप्त कर रही है, उसके बहुत से मालदार दोस्त हैं। उन दोस्तों में एक लड़का विनोद भी है, जो कोमल को बहुत पसंद करता है। इसी डर ने नवीन को घेर रखा है, वो कोमल को किसी बंधन में नहीं रखना चाहता, बल्कि उसे पूरी आज़ादी देना चाहता है, उसे खुले आसमान में अपने सपने पूरे करते देखना चाहता है।
कोमल भी नवीन से बहुत प्रेम करती है, दोनों शादी करना तो चाहते हैं पर अच्छी तरह सेटल होने के बाद, हालांकि कोमल, विनोद से काफी प्रभावित है, क्योंकि उसने अपने जीवन में बहुत अभाव देखा है, और अब वो उस अभाव से निजात चाहती है।
एक दिन विनोद ने नवीन व दूसरे मित्रों के सामने कोमल के समक्ष प्रेम प्रस्ताव रखा, सभी आश्चर्य में थे क्योंकि सभी को कोमल और नवीन के बारे में पता था, पर विनोद को इसकी लेशमात्र भी फिक्र नहीं थी, बल्कि उसको तो पूरा विश्वास था कि कोमल उसके पैसे और रुतबे से प्रभावित हो हाँ बोल ही देगी।
" कोमल मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ, मैं तुम्हें हमेशा खुश रखूंगा, तुन्हें कभी कोई कमी नहीं होगी। शादी के बाद कोई काम भी नहीं करना पड़ेगा, मेरे घर मे बहुत नौकर चाकर हैं। तुम बस हाँ बोल कर देखो, सारी दुनिया तुम्हारे क़दमों में होगी", विनोद ने अपने घुटनों पर बैठ कर कहा।
" विनोद...मानती हूँ तुम बहुत अमीर हो, लेकिन अफसोस कि दिल और प्रेम से गरीब हो और माफ करना गरीब ही रहोगे। तुम अपने पैसों से किसी लड़की को प्रभावित ज़रूर कर सकते हो लेकिन उसके दिल को खरीद नहीं सकते। मानती हूँ कि अभी नवीन के पास कोई नौकरी नहीं है, और मुझे भी नौकरी ढूँढनी है पर इसका ये मतलब नहीं कि मात्र पैसे के अभाव में मैं अपने प्रेम का दम घोंट एक ऐसे इंसान से शादी कर लूँ, जो ना मुझे सही से जानता है और ना मेरे सपनों को। भले ही हमारा घर छोटा होगा, नौकर नहीं होंगें लेकिन हमारा साथ और प्रेम ही सब अभावों को भरने के लिये काफी होगा। मैं स्वतंत्र उड़ना चाहती हूँ, जो सपने हैं उन्हें अपने बलबूते पर पूरा करना चाहती हूँ ना कि किसी अमीर की बीवी बनकर। मैं मेहनत करने से नहीं डरती।", कोमल ने स्पष्ट शब्दों में विनोद से कह दिया
नवीन ने कोमल को गले से लगा लिया और नीली पहाड़ी के मंदिर से सटी रेलिंग पर लगाये अपने प्यार के ताले के बारे में सोच कर ईश्वर का धन्यवाद किया और वादा किया कि वो कोमल को हर ख़ुशी देने की भरसक कोशिश करेगा।
सही तो है, पैसों से मकान चाहें जितना भी बड़ा बना लो पर उसे घर तो प्यार ही बनाता है।