मैंने तुम्हें चुना
मैंने तुम्हें चुना
"कल्याणी... बेटा जल्दी रेडी हो जा, बारात आती ही होगी... कल्याणी कुछ तो बोल, मैं आऊँ तेरी हेल्प करने?"
" नहीं मॉम... आप जाइये, मुझे आपसे कोई बात नहीं करनी... आई हेट यू।" कल्याणी ने रोते हुए कमरे के अंदर से ही कहा।
ये सुन सुनैना के होश उड़ गए, उन्हें चक्कर आने लगे। किसी तरह खुद को संभालते हुए उन्होंने दरवाज़े के बहुत करीब जाकर कल्याणी से कहा " बेटा... मुझे मेरी ग़लती तो बता दे... थोड़ी देर में तू विदा हो जायेगी, प्लीज़ खोल दरवाज़ा।" और वो रो पड़ीं।
कल्याणी ने थोड़ी देर बाद दरवाज़ा खोला और सुनैना जी को उठाया।
" क्या हुआ है कल्याणी?"
" आपने मुझसे धोका किया है।"
" धोका... पर ये शादी तो तेरी पसंद के लड़के से हो रही है ना? फिर कैसा धोका?"
" मैं शादी की बात नहीं कर रही, आपने बचपन से मुझसे छुपाया कि मैं आपकी बेटी नहीं हूँ, आपने मुझे गोद लिया था", और वो रोने लगी।
" बेटा, मैंने कोई धोका नहीं दिया तुम्हें... पर कभी ये बात बताने की ज़रूरत ही नहीं पड़ी। कहते हैं जन्म से पहले एक बच्चा अपने माँ बाप को चुनता है, लेकिन मुझे ईश्वर ने मौका दिया अपना बच्चा चुनने का और मैंने... तुम्हें चुना कल्याणी, सिर्फ तुम्हें। तुम सिर्फ 2 दिन की थीं जब मैंने तुम्हें अपने ह
ाथों में लिया था। तुमने हमारे अंधेरे जीवन में उजाला भर दिया। तुम्हारी हँसी, तुम्हारे नखरे, तुम्हारी ज़िद्द हर बार हमें तुमसे और अधिक प्यार करने पर मजबूर करती। हमने तुम्हारी हर इच्छा पूरी करी है, पर बिना किसी शर्त के सिर्फ तुम्हारे प्यार में... बेटा अब जाते जाते ये सब बातें छोड़ो और खुशी से नए जीवन की शुरुआत करो और याद रखना तुम ही इस घर की इकलौती संतान हो, सिर्फ तुम", सुनैना ने कल्याणी का हाथ चूमते हुए कहा।
" मुझे माफ़ कर दीजिये मॉम... धन्यवाद मुझे करना चाहिए आपका। जब मेरी असली माँ मुझे नहीं अपना सकी तब आपने मुझे ममता की छाँव दी, इज्ज़त भरी ज़िंदगी दी, इतना पढ़ाया, अपने पैरो पर पूरे आत्मविश्वास के साथ खड़ा होना सिखाया...नहीं तो पता नहीं कहाँ किस हाल में होती मैं... कुछ देर को मैं भटक गई थी, मैंने बुआ जी और दादी को बात करते सुना था तो पता चला। सॉरी मॉम, मैं वादा करती हूँ अब से ये बात कभी नहीं होगी ", कल्याणी ने सुनैना को गले से लगाते हुए कहा।
" अच्छा अब नीचे चल, बारात आ गई है। जल्दी से ये आँसुओं के निशान साफ़ कर ले, मैं तेरी सहेलियों को भेजती हूँ... ठीक है?"
" ओके... मॉम "
कल्याणी की शादी अच्छे से निपट गई और वो अपने साथ अपनी अनमोल यादों का बड़ा सा बक्सा साथ ले गई।