प्यार भरे सपने
प्यार भरे सपने
एक प्यारी सी लड़की थी, नाम था उसका मीना। बड़ी नटखट और चुलबुली सी। अपने मां बाप की लाडली और छोटे भाई की दुलारी। कॉलेज में पढ़ती थी और प्यार के नाम से भी प्यार करती थी। उम्र ही कुछ ऐसी थी। कॉलेज से आकर, अपनी मां का हाथ बंटाती थी और अपने कॉलेज का काम ख़त्म कर खुली आंखों से प्यार भरे सपने देखने लग जाती थी, जिनमें अक्सर एक राजकुमार आता था सफ़ेद घोड़े पर और राजकुमारी मीना को अपने साथ ले जाता था। क्या दिन होते हैं ना वे भी। सब ओर गुलाबी सी खुमारी छाई होती है।
सपने तो मीना बहुत देखती थी पर किसी लड़के से फालतू बात ना करती थी। अपने मां बाप की इज्ज़त की बड़ी परवाह थी उसे।
लेकिन क्या करे कोई, जब किस्मत में प्यार के रास्तों में पड़ना लिखा था सो लिखा था। मीना भी पड़ ही गई इन रास्तों में। हुआ यूं कि मीना बुआ के यहां शादी में गई थी अपने पूरे परिवार के साथ। बड़ा शौक होता है ना इस उम्र में शादी ब्याह जैसे फंक्शन का। वो सजना संवरना, वो इठलाना बलखाना, उफ्फ।
मीना अपनी मस्ती में शादी अटेंड कर रही थी। बहुत प्यारी लग रही थी वो गुलाबी शरारे में बिल्कुल अधखिले गुलाब सी।सबकी नजरें बस उसी पर टिकी जा रही थी। उन्हीं में से एक नज़र थी रोहन की, बुआ के बहुत अच्छे पड़ोसी का बेटा। रोहन तो मीना को देखता ही रह गया और पहली नजर में ही उसे मीना से प्यार हो गया। पूरी शादी में मीना उसकी निग़ाहों के घेरे में रही। मीना को भी देखते ही रोहन से प्यार हो गया। शादी के अगले दिन रस्मों के बहाने थोड़ा और नजदीक आ गए वे दोनों। मीना हफ्ता भर रुकी अपनी बुआ के यहां और इतने समय में ही दोनों ने साथ जीना मरने कि कसमें भी खा लीं।
रोहन अच्छे से सेट था, अपना बड़ा अच्छा सा बिजनेस था उसका। उसने मीना को कहा कि चलो अपने घर वालों को बता देते हैं। अभी सगाई कर लेंगे और तुम्हारी पढ़ाई पूरी होते ही शादी। मीना ने कहा, अभी रुको। पहले मैं अपनी मां को बता दूं मौका सही देखकर। पहले उनको तैयार कर लूं फिर मम्मी ही पापा को तैयार कर लेंगी। रोहन को भी ये बात सही लगी।
अभी मीना मौका ही ढूंढ़ रही थी कि अचानक से घर में उसकी शादी की बात होने लगी। मीना बहुत घबरा गई। उसने सोचा जल्दी से मम्मी को बता देती हूं इससे पहले कि बात आगे बढ़े। वो अपनी मम्मी के कमरे में गई और कुछ कहना ही चाहती थी उसकी मम्मी बोल पड़ी। मीना हमने तेरा रिश्ता पक्का कर दिया। तुझसे इसलिए नहीं पूछा कि हमें पता था हमारी बेटी कभी हमारी बात नहीं टालेगी। कल वो लोग आ रहे हैं रिश्ता करने। लड़का बहुत अच्छा है, तुझे बहुत खुश रखेगा।आ तुझे फोटो दिखाती हूं लड़के की।
मीना पर तो ये सुनकर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। उसने अपनी मां को कोई जवाब नहीं दिया और अपने कमरे में भाग गई। बड़ी देर रोने के बाद उसने रोहन को फोन किया और सारी बात बताई। मीना ने रोहन को कहा कि मैं अपने मां बाप की शर्मिंदगी का कारण नहीं बनना चाहती इसलिए जिस लड़के से मेरे मां पापा कहेंगे, मैं उसी से शादी करूंगी। ये कहकर उसने रोहन की कोई बात सुने बिना ही फोन काट दिया और फिर से रोने लगी।
अगले दिन उसकी मां ने उसे गुलाबी शरारे में तैयार होने को बोला कि तुझ पर ये खूब जंचता है। मीना के तो जैसे दिल पर छुरियां सी चल गई। लेकिन क्या करती।वो गुलाबी शरारे में तैयार हो गई।
तभी लड़के वाले आ गए ये शोर मच गया। मीना की आंखों में आसूं आ गए लेकिन उसने अपने मां पापा का सोच खुद को चुप करा लिया। थोड़ी देर में उसकी मम्मी उसे अंदर सबके बीच ले गई। वहां भी सिर झुकाए ही उसने सबको नमस्ते की और ऐसे ही बैठ गई। सब उस से प्रश्न पूछने लगे और वो सिर झुकाए ही जवाब देती गई , सिर ऊपर नहीं उठाया। थोड़ी देर में सब बड़ों ने बोला कि इन दोनों को बात करने देते हैं और हम दूसरे कमरे में चलते हैं और सब चले गए।
अब कमरे में सिर्फ मीना और उससे सगाई करने आया लड़का था। मीना ने फिर भी सिर नहीं उठाया। तब उस लड़के ने मीना से पूछा, क्या मैं आपको पसंद हूं। मीना तो आवाज़ सुनते ही चौंक गई। उसने झटके से सिर ऊपर उठाया। उसके सामने और कोई नहीं रोहन बैठा था, शैतानी से मुस्कुराता हुआ।
मीना को कुछ समझ में नहीं आया तो रोहन बोला कि शादी में हम दोनों की सारी बातें तुम्हारी बुआजी ने सुन ली थी। उन्हें मैं और मेरा परिवार भी पसंद था तो उन्होंने ही ये सब चक्कर चलाया। फिर हम सब ने मिल कर तुम्हें तंग करने का सोचा। लेकिन कुछ भी कहो, मुझे नाज़ है तुम जैसी जीवन संगिनी पा कर जिसने अपने मां पापा के आगे अपनी खुशी को भी नहीं देखा।
मीना भी अपनी सारी खुशियां, अपना राजकुमार पाकर खुश थी। और फिर से प्यार भरे सपनों में खो गई।