दोस्ती
दोस्ती


राहुल एक छोटे से पप्पी को घर ले आया। बेचारा शक्ल से ही बड़े दिनों का भूखा लग रहा था। राहुल को हर जानवर पर बड़ा प्यार आता था। इस पप्पी का नाम बड़े प्यार से राहुल ने चेरी रखा और उसकी खूब सेवा की। उसके मम्मी पापा भी उसकी लग्न देख कर हैरान रह जाते थे। राहुल ने हफ्ते में ही चेरी को भला चंगा कर दिया।
अब राहुल बड़ा खुश था कि उसे एक साथी मिल गया। उसने अपने मम्मी पापा से परमिशन भी ले ली थी चेरी को घर रखने की पर अचानक से ही चेरी बड़ा उदास सा रहने लगा। राहुल ने उसे खुश रखने की बड़ी कोशिश की पर नहीं कर पाया और उसकी उदासी को भांपकर राहुल भी दुखी रहने लगा।
तब उसकी दादी ने उसे समझाया कि तुम जहां से इसको लाए थे वहां इसका कोई साथी जरूर होगा। उसकी याद में ही ये दुखी है और ये यहां खुश कभी नहीं रहेगा। राहुल चेरी को लेकर उसी जगह वापिस गया तो चेरी उसकी गोद से उतर गया और खुशी से कूद कर भौंकने लगा। उसकी आवाज़ सुनकर एक बड़ा भूरे रंग का कुत्ता भी आ गया। दोनों एक दूसरे को देख कर खुशी से भौंकने लगे और चेरी प्यार से उसे चाटने लगा।
राहुल को दादी की बात समझ आ गई थी। उनके प्यार और दोस्ती को देख कर अब उसके मन में कोई शंका नहीं थी। वो चेरी के सिर पर हाथ फेर कर घर वापिस आ गया।