Shelly Gupta

Drama

3.2  

Shelly Gupta

Drama

हार

हार

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"तुम सब के ये कहने से कि ये गुनाह मैंने किया है, ये सच नहीं हो जाएगा। सच्चाई इतनी कमजोर नहीं होती।", मोहन ने ऑफ़िस के बाकी साथियों को कहा जिसे उसने रंगे हाथों गलत काम करते पकड़ा था, पर उन सबने इकट्ठे हो कर सारा दोष मोहन पर ही डाल दिया।

मोहन की बात सुनकर वो सब ज़ोर से हँस दिए और बोले, "तुम अकेले और हम सब, बताओ किसकी बात सही मानी जाएगी और फिर पैसे में बड़ी ताकत होती है। ये पैसा हमें सही और तुम्हें गलत चुटकियों में बना देगा।"


मोहन उनकी बात सुनकर घबरा गया पर फिर बोला," मुझे सब जानते है यहां। मेरी ईमानदारी पर विश्वास करते हैं। मेरे कहे को ही वो लोग सच मानेंगे।"


वो सब ज़ोर से हँस दिए,"इसके लिए तुम ज़िंदा कहां रहोगे " और उन्होंने मोहन को जबरन पकड़ कर उसकी जेब में नोटों कि गड्डी डाल दी और उसे खिड़की से नीचे फेंक दिया।


मोहन इतनी ऊंचाई से गिरते ही मर गया और वो लोग सच्चाई की हार पर ज़ोर ज़ोर से हँस दिए , ये जाने बिना कि जब मोहन ने उन्हें रंगे हाथों पकड़ा था तब वो किसी से फोन पर बात कर रहा था और उसने फोन काटा नहीं था। 



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