Harish Bhatt

Classics

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Harish Bhatt

Classics

पत्थर बना भगवान

पत्थर बना भगवान

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विज्ञान और धर्म में लंबे समय से द्वंद्व चला आ रहा है। पर केदार घाटी में आपदा के बाद इस द्वंद्व में धर्म की ही विजय दिखाई दे रही है। कहानी बाबा केदार की रक्षा को लेकर है। एक भीमकाय पत्थर कैसे इतनी ऊंचाई से मंदिर के पीछे आकर ठहर गया इस पर विज्ञान फिलहाल कुछ कहने की स्थिति में नहीं है। पर धर्म ने एक ऐसी कहानी रच दी है जो इस इक्कीसवीं सदी में सर्वमान्य होकर स्वीकार कर ली गई है। तभी तो कहते हैं यह भारत है, जहां इंसान तो इंसान, पत्थर भी पूजे जाते हैं। केदार मंदिर के ठीक पीछे दीवार की तरह खड़ी इस शिला का वजन कई टन होने का अनुमान लगाया गया है। लंबाई आठ बाई चार है। पत्थरों की बरसात के बीच केदारनाथ मंदिर की पश्चिम दिशा के ठीक 10 मीटर पीछे आकर यह ठहर जाता है। इस भारी बोल्डर से टकराने के बाद ही मंदाकिनी, केदारद्वारी व सरस्वती नदी के रौद्र पर काफी हद तक ब्रेक लग सका। तीनों नदियां अपना रास्ता बदलने को मजबूर हो गईं तो कई बड़े पत्थर इस शिला से टकराकर चूर-चूर हो गए थे।धार्मिक दृष्टि से इस शिला की कहानी खोज ली गई है।तभी तो यह शिला अब दिव्य शिला बन चुकी है। इसका नाम दिव्य भीम शिला रखा गया है। बाबा केदार के दर्शनों के बाद इसी दिव्य शिला के आगे बाबा के भक्त नतमस्तक हो जाते हैं।


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