जैसा कप्तान वैसी टीम
जैसा कप्तान वैसी टीम
यह सही बात है कि टीमवर्क जितना बेहतर होगा जीत उतनी ही सुनिश्चित होगी। लेकिन लक्ष्य हासिल करने के लिए कप्तान की भूमिका को नहीं नकारा जा सकता है। जैसा कप्तान होता है वैसे ही टीम काम करती है। अगर कप्तान बंदर हो तो शेर चीते की भांति फुर्तीले और जांबाजों से भरी टीम उछल कूद मचाने के अलावा कुछ नहीं कर सकती। वहीं कुत्तों की टीम का सरदार शेर हो तो कुत्ते भी खूंखार शिकारी हो जाते हैं। ऐसे ही किस्से कहानियों से इतिहास की किताबें भरी पड़ी है, बात सिर्फ और सिर्फ अमल करने की होती है। काम कोई भी हो लक्ष्य प्राप्ति का फार्मूला एक ही होता है। जब जीत ही सब कुछ हो तब जीत के लिए सब कुछ दांव पर लगाना जरूरी होता है। अभी हाल ही में हुए क्रिकेट वर्ल्ड कप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया टीम ने बैटिंग बॉलिंग और फील्डिंग में जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए जीत हासिल की। यह ताज्जुब की ही बात तो है कि वर्ल्ड कप के फाइनल में सिक्सर किंग्स से भरी इंडियन टीम की तरफ से 10 ओवर तक कोई बाउंडरी ही नहीं लगी। ताजा घटनाक्रम में उत्तरकाशी की सिल्कराया सुरंग में 16 द
िन से फंसे मजदूरों को निकालने के लिए अलग-अलग टीमों के कम्युनिकेशन के लिए सफल नेतृत्व करते हुए उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी लगातार मौके पर मौजूद रहे और उनका हौसला बढ़ाते रहे तब जाकर सभी मजदूर सुरक्षित निकलने में कामयाब रहे। घटनाक्रम पर पीएम मोदी की लगातार मॉनिटरिंग कुशल नेतृत्व क्षमता का परिचय देती हैं। देश दुनिया से एक्सपर्ट और संसाधनों को सही समय पर एक साथ काम पर लगाकर ही सफलतापूर्वक लक्ष्य प्राप्त हुआ है।
सतयुग हो या द्वापर या फिर कलयुग। जीत का फार्मूला सिर्फ एक ही होता है टीमवर्क और वह भी कुशल नेतृत्व में। बात रावण की लंका में आग लगाने की हो या फिर महाभारत का मैदान जीतने की। शुरुआती दौर में दोनों जगह पर दुश्मन ही सर्वश्रेष्ठ और मजबूत स्थिति में था, फिर भी अंत में वही हारा। सवा लाख से एक लड़ाऊं की तर्ज पर ही कमांडो ट्रेनिंग से लैस जांबाज ही दुश्मनों पर भारी पड़ते हैं। उन तैयारी का कोई फायदा नहीं जो समय पर काम ना कर सके। निश्चित समय सीमा के अंदर काम करने की क्षमता ही जीता का रास्ता तय करती है।