जंगल में पार्टी
जंगल में पार्टी
बात तब की है जब मेरी बेटी छोटी थी। बिटिया का मन बहलाने के लिए जोड़- तोड़कर कहानी जैसी सुनाना शुरू किया तो मेरी बेटी जबरदस्ती इसमें अपनी बातें जोडऩे लगी। जैसे हलवाई मोटूराम होगा, कौए को पार्टी में नहीं बुलाना है, खाने में चॉकलेट भी होगी। गाने के लिए सलमान खान आएगा। इस तरह बनी एक कहानी।।।।
एक दिन हाथी ने खरगोश को अपने घर बुलाया। खरगोश भी खुशी-खुशी दौड़ा चला आया। जब खरगोश आया तो हाथी अपने घर के आंगन में बैठा था। खरगोश - हाथी दादा नमस्ते। हाथी दादा बोले- नमस्ते, नमस्ते, खरगोश बेटा कैसे हो। खरगोश- अच्छा हूं। कहिए आपने कैसे याद किया। हाथी ने कहा - मेरा कई दिन से मन कर रहा था कि मैं जंगल के सभी साथियों को अपने घर पर बुलाऊ। कल मेरा जन्मदिन है, तो सोचा कल एक पार्टी रख ली जाए। खरगोश बोला, यह तो बहुत अच्छी बात है। आप बताओ मैं क्या कर सकता हूं। हाथी- सबसे पहले तो मोटूराम हलवाई को बुला लो। वह पार्टी के लिए रसगुल्ले, दाल-चावल, पूरी-सब्जी बनाएगा। खरगोश - हां चॉकलेट भी जरूर मंगवाना। हाथी - ठीक है, हां और नाचने-गाने के लिए वो फेविकोल वाले सलमान खान को भी बुलाना है। खरगोश ने कहा - जी अच्छा।
अब बताइए कि पार्टी में किस-किस को बुलाना है। हाथी बोला - खरगोश बेटा, शेर, हिरन, गाय, चूहा, बत्तख, बैल, कुत्ता, बकरी, बिल्ली, चिडिय़ा को फोन करके बता दो कि कल शाम हाथी दादा के घर पर पार्टी है। खरगोश बोला, दादा कौए को बुलाना है। हाथी - नहीं कौए को नहीं बुलाना है और भालू को जरूर आने को कह देना। खरगोश बोला अच्छा हाथी दादा, अब मैं चलता हूं, कल की पार्टी की तैयारियां करनी है। हाथी - अच्छा बेटा सब काम अच्छे से करना, कोई बात हो तो मुझे फोन पर बता देना। मैं भी इधर घर की साफ-सफाई का काम शुरू करता हूं।