जीत
जीत


कछुवे से हारने के बाद खरगोश ने खुद को साबित करने के लिए हिरन को पछाड़ने का प्लान बनाया। रेस हुई खरगोश फिर हारा। हिरन बोला भाई मुकाबला बराबरी वालों में ही अच्छा होता है तुम दिल से नहीं, दिमाग से काम लो। यूं भी मैं आज तक मामा मारीच को नहीं समझ पाया। उसने मेरा रूप ही क्यों धरा था। कंस मामा और शकुनि मामा के कारनामों को सुन कर तो दिल बैठ ही जाता है। वहां सिर्फ दिल का ही मामला था और उसके चक्कर में मेरी जान चली गई थी। वहां पर रावण के दिमाग के चक्कर में ही मामा मारीच को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था। इसीलिए तुम हार जीत क
ी बात दिल से निकाल दो और जाकर तैयारी करो। और हां याद रखो अगर तुम जीतना ही चाहते हो तो दिल के साथ-साथ दिमाग का भी इस्तेमाल जरूर करो। एक दो हार से खोई इज्जत को वापस लाया जा सकता है, लेकिन दिल के चक्कर में जान ही चली गयी तो जीत के क्या करेगा। ज्यादा क्रान्तिकारी मत बन। अब समय बदल चुका है अब कोई धनुष बाण नहीं चलता। जीपीएस के जमाने में अगर कहीं तेरी लोकेशन ट्रेस हो गई तो यह पक्का है कि तेरी सोच पर ढक्कन जरूर लग जाएगा। यकीन मान और बदलते समय के हिसाब से खुद को अपडेट रखने की आदत डाल ले, पक्का जीत का मंत्र मिलेगा।