मैं पैरेंटिंग कोच एवं वैदिक मैथ की टीचर हूं।लेखन मेरे जीवन मे मेरी सांसों की तरह है। कलम के सहयोग से समाज मे व्याप्त महिलाओं की समस्याओं को सामने लाने की एक कोशिश है मेरी। लेखनी मेरे लिए सिर्फ कुछ शब्द नही इसमे मेरी भावनाएं सपने जुड़े हैं। बस उन्हीं सपनों को पंख देने की एक छोटी सी कोशिश है मेरी।... Read more
मैं पैरेंटिंग कोच एवं वैदिक मैथ की टीचर हूं।लेखन मेरे जीवन मे मेरी सांसों की तरह है। कलम के सहयोग से समाज मे व्याप्त महिलाओं की समस्याओं को सामने लाने की एक कोशिश है मेरी। लेखनी मेरे लिए सिर्फ कुछ शब्द नही इसमे मेरी भावनाएं सपने जुड़े हैं। बस उन्हीं सपनों को पंख देने की एक छोटी सी कोशिश है मेरी। बहुत से मंचो पर लेखन विजेता भी रही हूं। मेरी लिखित एक लघु कथा संग्रह "बेगानी बहू" के साथ साथ कई साझा ईबुक भी प्रकाशित हुए है। जिन्हें पाठकों ने बहुत सराहा। सफर सपनो का तो अभी शुरू हुआ है, दूर तक जाना है सुनहरे अक्षरों सा इतिहास बनाना है। हम रहे ना रहे हमारा वजूद रहे।
"हम जाते जाते खुद के लिए
ऐसा माहौल बना जाएंगे
दुश्मन भी मेरे जनाजे पर रोने को मजबूर
हो जाएंगे"
~रागिनी अजय पाठक Read less