मैं पैरेंटिंग कोच एवं वैदिक मैथ की टीचर हूं।लेखन मेरे जीवन मे मेरी सांसों की तरह है। कलम के सहयोग से समाज मे व्याप्त महिलाओं की समस्याओं को सामने लाने की एक कोशिश है मेरी। लेखनी मेरे लिए सिर्फ कुछ शब्द नही इसमे मेरी भावनाएं सपने जुड़े हैं। बस उन्हीं सपनों को पंख देने की एक छोटी सी कोशिश है मेरी।... Read more
Share with friendsकद,पद और पैसे से चाहे कितने भी बड़े हो जाओ। लेकिन अपनी मां के आगे हमेशा एक छोटे बच्चें की तरह ही जाना। ✍️रागिनी अजय पाठक
मां से अच्छा सलाहकार और राजदार कोई नहीं हो सकता।मां से सही मार्गदर्शन भी मिलेगा और राज भी राज रहेगा। ✍️रागिनी अजय पाठक
अजीब दास्तान है हर एक औरत के जीवन की, पल पल हर पल कोशिश करती हैं अपनो में अपने लिए अपनापन पाने की रागिनी
दिलवाली दीवाली अब कहाँ मनायी जाती है। अब तो शोर दिखावे का है। दीयों की दीप कहां जलायी जाती है। लेकर मोबाइल अब बच्चें भी सेल्फी लेते है। जले दीयों की तराजू अब कहाँ बनायी जाती है। रागिनिअजयपाठक