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Prachi V Joshi

Romance Tragedy

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Prachi V Joshi

Romance Tragedy

पतित्व

पतित्व

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मेरे कॉलेज में तो मैंने किसी से फ्लर्ट क्या दोस्ती भी नहीं की।


सरिशा में तेरी मां हूं लेकिन पहले एक स्त्री हूं, आज तेरी कॉलेज का पहला दिन है। यहां तुझे हर प्रकार के लोग मिलेंगे। कुछ हमउम्र, कुछ उम्र में बड़े तो कुछ ओहदे में बड़े। एक मां दस बात समझाती है और बेटी को कुछ बाते ही समझ आती है। लेकिन तेरी यह मां तुझे यह एक ही सीख देगी कि तेरे पापा जैसा तुझे १० साल बाद पति नहीं मिलेगा, जब तेरी उम्र शादी करने योग्य होगी हम जैसे लोग देखने कम ही मिले।


सरीशा का पहला वाक्य जस्ट चिल मोम, कल किसने देखा है, फिकर ना करो तेरी बेटी पापा और तेरा नाम रोशन करेगी। इतना कह कर वह अपने बेडरूम में सोने चली गई।


पुष्टि और ब्रिजेश सारिशा के मां बाप, ब्रिजेश पुष्टि को किसी बात की कमी कभी आने देता था। वह बहुत संतुलित विचारशैली का आदमी था। और पुष्टि भावनाशिल और सौम्य स्वभाव की महिला थी।


सारिशा नए कपड़े, बेग, जूते, परफ्यूम, लिपस्टिक और हैरस्टाइल से लदी हुई एक मॉडर्न कॉलेजियन दिख रही थी। बाय मोम, बाय पापा कॉलेज जा रही हूं शाम को मिलते है।

सरिशा की सहेली गहना और सौम्य ओल्ड स्कूल फ्रेंड क्लास में साथ मिलते है। सौम्य मध्यम वर्गीय लेकिन सरीशा का इकलौता बेस्ट फ्रेंड, वह उसके मूड्स और पसंद बेहतरीन तरीकों से ख्याल रखता था। कुछ लोग बेचारे को लूजर कहते थे।


कॉलेज को आज एक महीना हो गया शुरू हुए, पैरेंट्स टीचर मीटिंग में सरिशा की मोम को बुलाया था।

मिसेस शर्मा आपकी बेटी डिबेट स्पर्धा में अच्छे मार्क्स लाई है, ओह थैंक्स सर। लेकिन अफसोस है कि उसकी मुख्य पढ़ाई में बहुत निराशाजनक परिणाम लाई है।

पुष्टि को जैसे किसने चाटा न मारा हो वह नजर झुकाए बैठी रही।


सरिषा जब घर लौटी उसकी मां ने केवल एक वाक्य कहा, बेटा जो आज से सबक सीखता है वह कल कभी नहीं झुकता, सुधर जाओ।

शाम को उसके पापा उसको एक होटल लेकर गए दोनों ने अपनी पसंद का खाना खाया।

सरिशा को उस रात नींद ही नहीं आयी, वह पूरी रात सोचती रही पापा ने कुछ रिएक्ट ही नहीं किया। डटना तो दूर समझाया भी नहीं।

और मोम...इतना बोलकर वह सो गई।


कुछ दिनों के महीनों बाद की बात है।

कुछ दिनों से ब्रिजेश एक मीटिंग की वजह से सिंगापुर गए थे।

पुष्टि ने घर में पूजा रखी थी, आज ब्रिजेश घर आने वाले है

उसने अपने सासु मां को कहा, 

सासुजी खुशी से बोली बहू रानी मेरा ब्रिजेश अब पक्का तेरा ही हो गया है।

पुष्टि बोली माजी तेरा तुझ को अर्पण क्या लगे मेरा।

दोनों की हँसी निकल गई। ब्रिजेश बहुत खुश था उसने घर आकर पुष्टि को अच्छी खबर दी कि उसकी कंपनी कि ग्रोथ दुगनी हो चुकी है। मीटिंग सफल हुयी।

पूजा शुरू ही हो रही थी कि एक फोन आया, पुष्टि ने फोन स्पीकर पर रखा ।

मोम हलो मोम में सरिशा, क्या हुआ बेटा, सौम्य ने मुझे किडनैप कर लिया है।

पुष्टि यह सुनते ही बेहोश हो गई।

ब्रिजेश तुरन्त पुष्टि को उठाकर हॉस्पिटल पहुंचा।

डॉक्टर ने पुष्टि के देख कर कहा चिंता मत कीजिए मिस्टर शर्मा।

ब्रिजेश ने दूसरी तरफ सौम्य की बैकग्राउंड तलाश शुरू करवाई। इस जांच से पता चला कि सौम्य तो उसका स्कूल फ्रेंड है। पुलिस में एफआईआर लिखवाई और सरीषा का फोटो मीडिया न्यूजपेपर में दिया।


लगातार जांच के बाद सरीशा का पता चला।

वह सुरक्षित थी लेकिन बहुत डर चुकी थी।

उसकी मां को लगातार याद कर रही थी।

मिस्टर शर्मा आप को हॉस्पिटल बुला रहे है, ब्रिजेश और उसका परिवार हॉस्पिटल में पहुंचा और देखा तो वह सब दंग रहे गए।


पुष्टि को होश आचुका था। उसको सिर्फ अपने पति का इंतजार था। जैसे ही ब्रिजेश और सरीशा को देखा वह ब्रिजेश को पास बुलाकर गले मिल कर एकदम रोने लगी।

उसने अपनी बेटी को कहा सरिसा मैंने कुछ अच्छे कर्म किए है इसलिए मुझे ब्रिजेश जैसे पति मिले है।


ब्रिजेश ने तुम्हें अपनाया वह तुम्हारे अच्छे कर्म होगे।

बेटा तुम मेरी संतान हो लेकिन तेरे असली पिता आज से कई सालो पहले गुजर गए है।

मैंने तुम्हें समय समय पर समझाया था अपनी पढ़ाई में ध्यान दो लेकिन तुम नहीं मानी।

मैंने अपना पत्नी धर्म अच्छे से निभाया कि नहीं यह पता नहीं लेकिन मेरे पति ने अपना धर्म खूब निभाया है 

इतना कह कर वह फिर से बेहोश हो गई।


डॉक्टर डॉक्टर यह क्या हुआ, शर्माजी आपकी पत्नी कॉमा में जा सकती है, उनके लिए यह २४ घंटे काफी क्रिटिकल है।

इतना सुनते ही ब्रिजेश टूट गया उसने सरिषा को अपने गले से लगाया।

आज पुष्टि कॉमा में गए ५ साल हो गए और आज सरिषा की सगाई है।

ब्रिजेश और सरिषा पुष्टि के पास जाकर उसके आशीर्वाद लेते है और मंगलकामना करते है पुष्टि को होश आ जाये।

जैसे है सगाई और रिंग सेरिमनी शुरू होती है, एक फोन आता है, मिस्टर शर्मा आपकी लाइफलाइन को होश आ गया है और उन्होंने पहला शब्द ब्रिजेश कहा है।

ब्रिजेश तुरन्त अपनी बेटी और होनेवाले दामाद को लेकर घर पहुँचते है। और पुष्टि को बताते है सगाई के बारे में।

पुष्टि दोनों के माथे पर हाथ रख कर कहती है बेटा अपने ससुर से पतित्व सीखना।


(कुछ साल के बाद)

आज ब्रिजेश और पुष्टि ५०वी सालगिरह मना रहे है और बेहद खुश है।


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