अपनी कुदरत
अपनी कुदरत
कुदरत की करामत तो देखो,उसने निसर्ग में पेड़ पौधे वनस्पति,
झड़ी झरने, पहाड़,समंदर,नदी,नाले, तलाब बनाए।
काफी उपयुक्त मात्रा ने संसाधन बनाए और हम इंसानों को बनाया।
हम मनुष्य के शरीर में जीवन दिया और निर्जीव नाखून और बाल दिया।
नाखून समय समय पर काटते आकर देते हैं रंग करते है।
बालों का भी ऐसा ही है।उसको बढ़ते फिर काटेते हैं।
बालों का आकार देते है, रंग लगाते हैं।
हमारे मनुष्य के जंगल को याद रखते हैं।
जिस में बाल और नाखून आते हैं।
तो कुदरत के जंगल का हम क्यों ख्याल नहीं करते।
वह हमारी ईश्वर का दिया हुवा है इसलिए?यह मुफ्त का है इसलिए?
जरा सोच के देखिए।