STORYMIRROR

Sarita baghela Anamika

Abstract

3  

Sarita baghela Anamika

Abstract

"पति का बटुआ"

"पति का बटुआ"

1 min
424

पति का बटुआ लगे कितना प्यारा,

बटुआ होता जीवन में सबसे न्यारा,

बिन बटुए के जीवन सूना-सूना,

बटुआ सबका होता प्यारा दुलारा।


दुनिया की खुशियां

बटुए में समाती,

मन चाहा हर सामान

जब ही तो सब मैं लेती,


बटुए में नोट होते खरे-खरे,

खर्च करके,

ढेरों खुशियां झोली में भर लाती,


बटुआ जब हो भरा-भरा, 

जीवन लगे हरा भरा,

तब मैं एक की जगह

दस खर्च करके आती हूँ।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Abstract