"सुबह का भुला"
"सुबह का भुला"
हेलो सुमित....।
जी कौन???
सुमित...मैं...मैं तेरा बड़ा भाई..!
बड़े भाई ने कहा।
23 साल बाद अचानक मेरी याद कैसे आई।
सुमित ने कहा।
भाई मेरे बेटे अंकित की शादी निकल गई है,भोपाल में... तू तो पहले ही भोपाल में रहता है।
अब सब कुछ तुझे ही देखना है। अब मेरी तबियत ठीक नहीं रहती है। सुमित से बड़े भाई ने कहा।
ठीक है... आप घर आ जाना और अपनी बहू से बच्चों से भी मिल लेना... फिर बात करते हैं।
सुमित बोला।
सुमित सोच रहा था..इतने साल से घर मकान बेचकर.... सब कुछ अपना कब्जे में करके बैठे थे, कभी मेरे हाल पर तरस नहीं खाई....मेरी गरीबी पर भी तरस नहीं खाई,आज मेरी जरूरत याद आई।
चलो कोई नहीं... सुबह का भूला शाम को तो वापस आया!