लोक व्यवहार नेग रिवाज
लोक व्यवहार नेग रिवाज
शादी की शुरुआत हिंदी रीति रिवाज़ से, लग्न का कार्यक्रम चल रहा था,गोद भराई में लड़की को पूजा के चौक पर बिठाया जाता है और लड़के के पक्ष से परिवार के सभी लोग लड़की को गोद में बताशे फल और रुपए अपने-अपने अनुसार नेक में लड़की की गोद में रखते हैं।
फिर लड़के की भी गोद भराई होती है जिसमें लोक व्यवहार नेक रिवाज़ इसी प्रकार से निभाया जाता है।
शादी की प्रत्येक रिवाज़ में लोग अपने-अपने अनुसार नेक का आदान-प्रदान करते हैं, हंसी ठिठोली रीति रिवाज़ और कई तरह के लोकगीत के माध्यम से छोटे-छोटे रस्मों के माध्यम से शादी में लोग व्यवहार अनेक नेक के रिवाज़ निरंतर चलते हैं।
हम जब रीति-रिवाज़ो के साथ शादी के कार्यक्रम में शामिल होते हैं तो सिर्फ शादी दो व्यक्तियों की नहीं, पूरे समाज को साक्षी बनाकर, देवताओं को साक्षी मानकर, रीति रिवाज़, नेक-जोक के साथ विवाहवेदी पर फेरे की रस्मो के द्वारा जीवन भर साथ निभाने की कसमें खिलाई जाती हैं, प्रत्येक कसमों में प्रत्येक वादे में मंत्रों के साथ दंपत्ति को प्रेम और सहयोग से जीवन भर साथ निभाने की कसमों को याद रखने को कहा जाता है। नए जीवन की शुरुआत, परिवार के संग,पूरा समाज सहयोगी होता है नेक- जोक रीति रिवाज़ के माध्यम से छोटे-छोटे उपहार के द्वारा नई दंपत्ति की जीवन की शुरुआत के लिए सहयोग दिया जाता है।
यह रिवाज़ जब लड़की विदा होकर जाती है वहां पर भी कुछ रस्में निभाई जाती हैं जिसमें अलग-अलग समाज की अलग-अलग शादी की रस्म होती है। हंसी मज़ाक की कुछ रस्में जो जीवन में रस घोल देती है, द्वारचार से लेकर अनाज के कलश को दुल्हन के द्वारा ठोकर लगाना, दूल्हा-दुल्हन का बताशे से खेलना, घर के दरवाजे़ पर दूल्हा-दुल्हन से नेक मांगना ऐसे कई रस्म होती हैं, जिससे जीवन में और अधिक रस का आनंद महसूस होता है !