"प्रेम प्रसंग"
"प्रेम प्रसंग"
दो लड़का-लड़की रेस्तरां में खाना खाने आये।
दोनों आपस में खूब हंसी मज़ाक कर रहे थे।
परन्तु बार बार रेेेेस्तरां के बाहर देख रहे थे।
ऐसे लग रहा था कि जैसे दोनों ही घर से
भागकरआए हों।
एकआदमी रेस्तरां में पहले से ही खाना खाने बैैठा था।
वह लड़का लड़की दोनों का परिचित था।
उसने उनसे हड़़बड़ाहट की वज़ह पूछ ही ली।
तो उन्होंने बताया कि हम दोनों घरवालों से
छुुपके शादी करने के लिए घर से भागकर आए हैं।
कल सुबह कोर्ट में हमें कोर्ट मैरिज करनी हैं।
हमें वकील के घर जाकर दस्तावेज बनाने हैं।
आप हमारे घर-परिवार वालो को मत बताना
ताकि हम कल सुबह कोर्ट में कोर्ट मैरिज कर सकें।
आप भी कल कोर्ट मेंआकर हमारी एक गवाही दें।
हमें कोर्ट में कोर्ट मैरिज में दो गवाह चाहिए।
हम एक किसी दूसरे परिचित को गवाह बना लेंगे।
फिर सुबह सचमुच ही कोर्ट में कोर्ट मैरिज कर ली।
लड़का विवाहिता वर वधू को लेकर गांव गया।
उसके घर परिवार वालों ने बहुत बड़ी ग़लती की।
उन्होंने दोनों पति-पत्नी कि शादी स्वीकार नहीं कि।
दोनों नव विवाहिता कि कोर्ट मैरिज से
नाराज़ हो कर के घर से भगा दिया।
तब वो दोनों शहर मेंआकर साथ में रहने लगे।
नई ज़िन्दगी मज़दूरी करके शुरू कर गुजारने लगें।
कभी वापिस अपने घर गांव नहीं गये।
ग्रामीण प्रेम विवाह करने वाले लोगों को
ऐसे ही परेशानी का सामना करना पड़ता हैं।
प्रेम प्रसंग में सुझबुझ से काम लेने कि जरूरत है।
घर परिवार समाज बंधुओं को हमेशा साथ रखिंयेगा।
