"ग्रामीण एकताअभियान समिति "
"ग्रामीण एकताअभियान समिति "
हमारे गाँव के दो सगे भाईयों मेंं आपसी
कहा सुनी हो गई।
विवाद इनता बढा कि पुलिस मेंं FIR दर्ज हो गई।
हमें जब पता चला तब तक मामला बहुत
बढ़ चुका था।
फिर हमने ग्रामीण एकता अभियान
समिति कि आपातकाल बैठक बुलाई।
दोनों भाईयों को उसमें बुलाकर समझा
बुझाकर एक जाजम पर
बैठाकर दोनों मेंं समझौता करवाया।
यह हमारे ग्रामीण एरिया कि सदियों पुरानी
परम्पंराऔ का अहम न्यायिक हिस्सा है।
यह सस्ती सरल सुलभ न्यायिक व्यवस्था हैं।
इस परम्परा को बचाने मेंं सभी ग्रामीण
लोगों का अहम हिस्सा हैं।
यह गरीबों को गाँव मेंं ही सरल सस्ता
न्याय तुरंत सुलभ व्यवस्था हैं।
इसलिए यह व्यवस्था स्वतंत्र भारत देश मेंं कायम हैं।
यह गरीब लोगों को कोर्ट कचहरी के
चक्कर लगाने से बचाने मेंं सहायक है।
देश मेंं पंचायतीराज व्यवस्था इसी का एक हिस्सा हैं।
जो कि लोकतंत्र मेंं एक सफल प्रयोग हैं।
जिसकी शुरुआत राजस्थान के जिला नागोंंर से
माननीय पंडित जवाहर लाल नेहरु
प्रथम प्रधानमंत्री भारत सरकार ने कि थी।
यह ग्रामीण लोगों को सरल सुगम सस्ता न्याय
उपलब्ध कराने मेंं कारगर साबित हो रही हैं।
देश मेंं ग्रामीण एरिया मेंं सामाजिक
भाईचारा एकता इंंसानियत जिंंदा रखने
मेंं इसका बहुत बडा़ योगदान है।
जियोऔर जिने।
अहिंसा के सिद्धांत पर सुदृढ़ प्रचलित न्यायिक व्यवस्था हैं।जय हिन्द